उत्तराखंड
तैयारी: आवासीय स्कूलों को खोलने की तैयारी में जुटा प्रशासन, अधिकारी होंगे निर्देशित, व्यवस्थाओं पर नजर रहेगी चौकस
देहरादून। स्कूल प्रशासन की ओर से आने वाली 17 तारीख से आवासीय स्कूल खोले जाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए एस ओ पी जारी कर दी गईं है। बात दें कि स्कूल खुलने से पहले स्टाफ औऱ छात्र छात्राओं को कोरोना टेस्ट करवाना अत्यंत आवश्यक है।
इस संबंध में शिक्षा महानिदेशक आर मीनाक्षी सुंदरम ने आदेश भी जारी कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि स्कूल खुलने से पहले अधिकतम 72 घण्टे पहले की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट छात्र छात्राओं को संबंधित स्कूल के प्रिंसिपल को प्रस्तुत करनी होगी। जिसके बाद विद्यालय के प्रिंसिपल की ओर से नेगेटिव रिपोर्ट खंड शिक्षा अधिकारी और शिक्षा मुख्य शिक्षा अधिकारी को दिखानी पड़ेगी।
जबकि स्कूल का समय समय पर निरीक्षण के साथ साथ उसकी प्रत्येक गतिविधि पर ध्यान रखा जाएगा। बताया जा रहा है कि सम्पूर्ण गतिविधियों पर नजर रखने के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी के साथ नगर मजिस्ट्रेट और उप जिलाधिकारी मौजूद होंगे। इसके अलावा छात्रावासों में भी सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।
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सस्पेंड: ब्लॉक में हजारों का गबन, ग्राम विकास अधिकारी सस्पेंड, लापरवाही का आरोप
पौड़ी गढ़वाल। पौड़ी के दुगड्डा विकासखण्ड में कार्यरत ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के निलंबित किये जाने की ख़बर आ रही है।
आरोप हैं कि अधिकारी ने अपने कार्य मे लापरवाही ही नहीं बरती बल्कि 83,700 की धनराशि का भी गबन कर दिया है।
विकास खण्ड में तैनात ग्राम विकास अधिकारी मनीष जुयाल पर हजारों की रकम गबन करने के साथ ही कार्य मे लापरवाही के आरोप भी लगे हैं।
जानकारी के अनुसार रुपए निकासी की जानकारी उनके द्वारा ग्राम प्रधान तक को नहीं दी गई। जिसकी वजह से खंड विकास अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर उनको निलंबित कर दिया गया।
जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) एमएम खान का कहना है कि दुगड्डा विकास खण्ड में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी मनीष जुयाल ने बिना ग्राम प्रधान को सूचित किए दो खातों से 83 हजार 700 रुपये का गबन कर दिया है।
इसके अलावा बिना योजनाओं के बिलों का भुगतान करने, ग्राम प्रधानों को आवंटित नहीं किए जाने सहित विभिन्न विभागीय कार्यों में लापरवाही बरतने का भी आरोप है।
बताया कि मनीष जुयाल धनराशि की निकासी उन्होंने अपने नाम से की है। केंद्र व राज्य वित्त की विकास योजनाओं की धनराशि बिना प्रधानों की अनुमति के निकाले जाने के आरोप में उन्हें निलंबित करते हुए उन्हें डीपीआरओ कार्यालय में संबद्ध किया गया है।
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