उत्तराखंड
सफ़लता: BRO की मेहनत, 5 दिन में 170 मीटर पुल तैयार, है न कमाल, पढ़िए…
उत्तराखंड में बारिश जहां कहर मचा रही है। वहीं एक राहत भरी खबर सामने आ रही है। भारत चीन सीमा को जोड़ने वाला पिथौरागढ़ का पुल जो भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था जिससे लगभग सौ गांव से संपर्क टूट गया था वह बीआरओ ने महज पांच में दिन में बना दिया है। पुल के बनने से सेना सहित ग्रामीणों को बड़ी राहत मिली है।
बता दें कि बीते आठ जुलाई की रात भारी बारिश के चलते कुलागाड़ नाले पर बना आरसीसी पुल बह गया था। जिसके बाद यह इलाका पूरी तरह से कट गया था। ब्रिज स्थापित करना किसी चुनौती से कम नही था। लगातार हो रही बारिश के कारण काफी दिक्कतें उठानी पड़ीं। यही नही अन्य स्थानों पर पुल टूटने के कारण ब्रिज के लिए जरूरी सामान की भी कमी पड़ गई थी।बीआरओ ने कई जगहों से सामान जुटाकर कुलागाड़ में 24 टन क्षमता का 170 मीटर लंबा बैली ब्रिज बनाया है। ब्रिज का सामान जुटाने के बाद कार्यदासी संस्था ने युद्धस्तर पर काम करते हुए सामरिक नजरिए अहम पुल को सिर्फ पांच दिन में बना दिया। जिसके बाद से वैली ब्रिज बनने से तीनों घाटियों के लिए आवाजाही शुरू हो गई है।
गौरतलब है कि इस पुल के जरिए ही चीन और नेपाल बॉर्डर से सटी दारमा, ब्यास और चौंदास घाटी शेष दुनिया से जुड़ती है। यही नहीं, बॉर्डर की सुरक्षा में तैनात आईटीबीपी, एसएसबी और सेना के जवानों की आवाजाही भी इसी पुल से होती है। जवानों के लिए जरूरी सामान भी कुलागाड़ के अहम पुल के जरिए बीओपी तक पहुंचता है। 170 मीटर लम्बा नया बैली ब्रिज बनने के बाद बॉर्डर के 100 से अधिक गांवों को तो राहत मिली ही है, साथ ही चीन और नेपाल बॉर्डर पर तैनात सुरक्षा बलों की आवाजाही भी आसान हुई है।
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