उत्तराखंड
राजनीति: अरे वाह, ये कैसी राजनीति,’प्यारी पहाड़न’ पर क्यों है अड़चन, वोट बैंक के लिए कुछ भी स्टंट…
एक बेटी ने पहाड़ की संस्कृति को बढ़ावा देने की सोची ही थी, यंहा विरोध कर होने लगी अपने आप को चमकाने की राजनीति
देहरादून। आज राजनीतिक स्तर इतना गिर गया है कि अपने आपको उत्तराखंड आंदोलनकारी, क्रांतिकारी कहने वाले मशरूम की तरह उपजे नेता किसी भी बात को लेकर पब्लिसिटी स्टंट खेलने में हर पैंतरे को अपना रहे हैं।
हाल ही का एक मामला देहरादून उत्तराखंड की राजनीति में उपजा है। यंहा पहाड़ की संस्कृति, विरासत और दो जून की रोटी की चाह में मेहनत में जुटी एक बेटी ने प्यारी पहाड़न के नाम एक रेस्टोरेंट खोला, जिसका मकसद किसी भी राजनीति से बिल्कुल भी नही है,ऐसा प्रतीत हो रहा है। लेकिन मशरूम की तरह उपजे अपने आपको क्रांतिकारी कहने वाले बागड़ बिलो ने 27 वर्षीय उत्तराखंड की बेटी प्रीति का सहयोग करने की बजाय इसमे राजनीति करनी शुरू कर दी है।
अब मामला राजनीति तक ही सीमित नही रहा, मामले में कुछ खुद को क्रांतिकारी बताने वाले दबंगइयों ने रेस्टोरेंट के नाम को अभद्र बताते हुए उत्तराखंड की बेटी प्रीति को रेस्टोरेंट में घुसकर व फोन पर लगातार टॉर्चर करने से लेकर जान की हानी करने को लेकर धमकियां भी दे डाली हैं।
इंसेट…
रेस्टोरेंट संचालक प्रीति ने कहा कि देहरादून में कई ऐसे संस्थान पहाड़ के नाम से और उत्तराखंड के नाम से रखे गए हैं,उनका आज तक किसी ने विरोध नही किया,असल में जो लोग विरोध कर रहे हैं उनको पहाड़न शब्द का मतलब ही पता नहीं है,पहाड़न का मतलब है प्यारी बेटी जो हम गढ़वाल में बोलते है, और इसी पहाड़न के नाम से रोजगार शुरू किया। जिस पर कुछ राजनीतिक लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए मुझे परेशान कर रहे है। बहरहाल प्रीति के सपोर्ट में उत्तराखंड के कई समाज सेवक आ चुके हैं। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड में राजनीति करने के लिए कुछ भी करने वालों को पनपने नही दिया जाएगा।
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