उत्तराखंड
खुलासा: बिना पद, बिना आदेशों के नियुक्ति का खुलासा, यहां हुआ ये कारनामा…
देहरादून: उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही हैं। विवि द्वारा अपने चहेतों को बिना पद और आदेश के नियुक्ति देने का खुलासा हुआ है। ऑडिट रिपोर्ट से मामला सामने आया है जिसमे बताया गया है कि विवि ने 56 लोगों की नियुक्ति करा दी है। वो भी ऐसे वक्त में जब एक ओर लोग नौकरी के लिए भटक रहे हैं युवा आंदोलन कर रहे हैं। हालांकि मामले का खुलासा होने के बाद वित्त सचिव अमित नेगी ने उच्च शिक्षा सचिव को पत्र लिखा। लेकिन पत्र लिखने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रहीं है जो कई सवाल खड़े कर रहा है।
आपको बता दें कि ऑडिट रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि विवि में नियुक्तियां बिना पद और शासनादेश के अनियमित रूप से की गई हैं। वर्ष 2017-18 व 2018-19 में बिना पद-सृजन के आउटसोर्सिंग के माध्यम से 18 लिपिक, एक योग प्रशिक्षक एवं नौ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों कुल 26 कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। इन नियुक्तियों के लिए किसी भी तरह की स्वीकृति नहीं थी। इनके वेतन पर हर महीने 44 लाख खर्च आ रहा है। जबकि इन नियुक्तियों को लेकर कोई शासनादेश नहीं था। सूत्रों के मुताबिक सभी नियुक्तियां उच्च स्तर से मौखिक आदेश पर हुई हैं। इनमें रूसा (राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान) के सलाहकार के पुत्र की भी नियुक्ति शामिल है। जबकि विभागीय मंत्री के स्टाफ के भी कुछ लोगों एवं उनके रिश्तेदारों को नियुक्तियां दी गई हैं। मामले में कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
वहीं मामले में कुलपति उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय ओम प्रकाश सिंह नेगीने कहा कि पद और शासन के आदेश के बिना विश्वविद्यालय में नियुक्तियों का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। विश्वविद्यालय ने आउटसोर्स से कुछ लोगों को अपने खर्च पर रखा, लेकिन ऑडिट से इसका कोई मतलब नहीं है। नियुक्तियों के मामले में मेरे पास शासन से कोई पत्र नहीं आया है। वहीं उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने मामले में जांच कराने की बात कही है।
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