देहरादून
विडंबना: अंतरराष्ट्रीय शूटर दिलराज कौर की बुजुर्ग मां विधानसभा कूच करने को मजबूर, मांग रही इंसाफ…
देहरादून: उत्तराखंड में दिल को झकजोड़ देने वाली तस्वीर देहरादून से सामने आ रही है। यहां प्रदेश का नाम रोशन करने वाली प्रतिभावान बेटी की मां अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए सड़क पर आने को मजबूर हैं।यहां दून की ही रहने वाली, 24 गोल्ड सहित सैकड़ों मेडल जीतने वाली देश की पहली दिव्यांग निशानेबाज दिलराज[tps_title][/tps_title] कौर आर्थिक संकट से जूझ रही हैं। सड़क पर नमकीन बिस्कुट बेचकर गुज़ारा कर रही है तो वहीं उनकी बुजुर्ग मां गुरदीप कौर अपनी प्रतिभावान बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए बुधवार को अकेले विधानसभा कूच के लिए पहुंच गईं और नेताओं को खरी खोटी भी सुनाई।
बता दें कि उत्तराखंड में विधानसभा सत्र चल रहा है।इस दौरान कई संगठन अपनी मांगों को लेकर विधानसभा का घेराव कर रहे हैं तो इस बीच हैरान कर देने वाला मामला तब सामने आया जबएक बुजुर्ग मां बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए अकेले ही विधानसभा का कूच करने पहुंच गई। यहां उन्होंने दिलराज कौर को सरकारी नौकरी न देने के लिए नेताओं और अधिकारियों को जमकर खरी खोटी सुनाई। अपनी बात कहते-कहते वह फफक-फफक कर रो पड़ीं। गुरदीप कौर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में दिलराज कौर ने देश और प्रदेश का नाम रोशन किया, लेकिन उन्हें सिवाय उपेक्षा के कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि दिलराज कौर करीब एक माह से गांधी पार्क के सामने नमकीन, चिप्स बेच रही है। लेकिन एक माह बाद भी सड़क पर एड़ियां घिसने के बाद उन्हें एहसास हो रहा है किसी को उनकी परवाह नहीं है। उनके पति की मृत्यु हो चुकी है, बेटा नहीं है, वह खुद बीमार हैं और उन्हें अपने बाद बेटी की चिंता है। उनके बाद दिव्यांग बेटी किसके भरोसे रहेगी। वह बैरीकैडिंग के पार विधानसभा जाकर अपनी बात रखना चाहती थीं। लेकिन पुलिस ने उन्हें समझा बुझाकर वापस भेज दिया।
गौरतलब है कि ये वहीं दिलजीत है जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय शूटिंग स्पर्धाओं में 24 गोल्ड, आठ सिल्वर, तीन ब्रांज मेडल जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया है। लेकिन इसे वक्त की मार ही कहेंगे कि, कभी पैरालम्पिक शूटिंग में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रजत पदक जीतने वाली दिलजीत कौर इन दिनों आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं। खिलाड़ी के तौर पर दिलराज कौर का कोई छोटा नाम नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक रजत, राष्ट्रीय स्तर पर 24 स्वर्ण समेत कई पदक अपने नाम कर चुकी हैं, इतना ही नहीं वर्ल्ड पैरा स्पोर्ट्स में पहली सर्टिफाइड कोच, स्पोर्ट्स एजुकेटर जैसी कई उपलब्धियां उनके साथ जुड़ी हैं, लेकिन इन दिनों वक्त की ऐसी मार पड़ी कि ,सिर से बाप और भाई का सहारा भी भगवान ने छीन लिया, हालात इतने खराब हो गए हैं कि सरकार को आईना दिखाने के लिए गांधी पार्क के बाहर अपनी बूढ़ी मां के साथ नमकीन और बिस्किट बेचने को मजबूर है, जो कुछ पैसा बचत के रूप में था वह पिता की गंभीर बीमारी में खर्च हो गया, अब बूढ़ी मां के इलाज और अपने खर्चे के लिए दूसरा कोई चारा नहीं था, इसलिए गांधी पार्क के बहार नमकीन और बिस्किट ही बेचना शुरू कर दिया। अब उनकी माँ सरकार से बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए अकेले विधानसभा कूच करने तक को मजबूर हो गई है।

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