देहरादून
Big Breaking: बिंदाल-रिस्पना नदी पर कब्ज़े को लेकर हाईकोर्ट सख्त, MDDA सचिव और डीएम को नोटिस भेज दिया ये आदेश…
नैनिताल: राजधानी की दो बड़ी नदियां रिस्पना और बिंदाल पर हो रहे लगातार कब्ज़े और अतिक्रमण पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपना लिया है। आज (बुधवार) कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार, नगर निगम, एमडीडीए और जिला अधिकारी को नोटिस जारी किया है। साथ ही नदियों पर हुए अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर चार सप्ताह की भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। इतना ही नही कोर्ट ने देहरादून डीएम को आदेश दिया है कि व बिंदाल के उद्गम स्थल को व्यक्तिगत रूप से सर्वे कर बाढ़ तट जोन चिन्हित करने को करे, ताकि नदी के भाग क्षेत्र को बचाया जा सके।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देहरादून निवासी पर्यावरण कार्यकर्ता रीनू पॉल ने जनहित याचिका दाखिल कर कहा है कि राजपुर क्षेत्र में अतिक्रमण और अवैध निर्माण कर देहरादून की दोनों जीवनदायिनी नदियां, बिंदाल एवं रिस्पना का गला घोंटा जा रहा है। उन्होंने याचिका में कहा कि बिंदाल नदी को पहले ही गंगा रिवर बेसिन में शामिल कर दिया है। लेकिन नदियों का बुरा हाल देखने को मिल रहा है। याचिकाकर्ता ने फोटोग्राफ के माध्यम से वस्तुस्थिति को कोर्ट के समक्ष रखा। सैटेलाइट इमेज भी प्रस्तुत की जिसमें राजपुर क्षेत्र में अतिक्रमण साफ दिख रहा है। बिंदाल और रिस्पना नदियों के उद्गम क्षेत्र में हुए अतिक्रमण और अवैध निर्माण से देहरादून की दोनों जीवनदायनी नदियों को खतरा उत्पन्न हो गया है। मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ ने एमडीडीए के सचिव और जिलाधिकारी देहरादून को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। जिलाधिकारी को निर्देश दिए हैं कि वह बिंदाल के उद्गम स्थल का व्यक्तिगत रूप से सर्वे करें और वहां फ्लड जोन घोषित करें। सुनवाई के लिए 4 सप्ताह बाद की तिथि नियत की गई है।
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