देहरादून
पहल: मानव तस्करी को लेकर महिला आयोग ने उठाये ये कदम, जगह जगह सेमिनार…
ऋषिकेश। उत्तराखंड में मानव तस्करी को रोकने के लिए महिला आयोग सख्त नजर आ रही है। महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने पूरे राज्य के विभिन्न विभागों के अधिकारियों को मानव तस्करी रोकने के लिए प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम शुरू किया है। यह कार्यक्रम कुमाऊं मंडल से शुरू होकर अब गढ़वाल मंडल में पहुंच चुका है। ऋषिकेश में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कुसुम कंडवाल ने अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के बाद साफ कहा कि किसी भी प्रकार की मानव तस्करी होती यदि पकड़ी जाती है तो उसके लिए संबंधित शहर के अधिकारी ही जिम्मेदार होंगे।
ऋषिकेश नगर निगम के सभागार में उत्तराखंड महिला आयोग की ओर से प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें जनपद हरिद्वार देहरादून टिहरी और पौड़ी से तमाम विभागों के अधिकारी मौजूद हुए।महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने राज्य से लगातार हो रहे मानव तस्करी के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि पहाड़ की बालिकाओं को मानव तस्करी के रूप में यूज किया जा रहा है। यह जानकारी होने के बावजूद अधिकारी मानव तस्करी को रोकने के प्रति गंभीर नहीं दिखाई दे रहे हैं। जो महिला आयोग के लिए चिंता का विषय बना है। राज्य में एएचटीयू की टीम के द्वारा मानव तस्करी को रोकने के लिए कार्य किए जाने की जानकारी तो समय समय पर मिल रही है। मगर अन्य विभाग सक्रिय नहीं दिखाई दे रहे हैं।
कुसुम कंडवाल ने अधिकारियों को मानव तस्करी रोकने के लिए बेहतर से बेहतर कदम उठाने के लिए निर्देशित किया। कुसुम कंडवाल ने बताया कि मानव तस्करी रोकने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ 20 जुलाई को कुमाऊं मंडल से किया गया था। आज 4 जनपदों के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। बताया कि मानव तस्करी रोकने के लिए विभागों के साथ-साथ आम जनमानस को भी जागरूक होने की जरूरत है।
एएचटीयू के उप निरीक्षक हेमंत खंडूरी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विभाग अपनी ओर से मानव तस्करी को रोकने के प्रति लगातार कार्य कर रहा है। लोगों को जागरूक करने का काम भी करने में लगा है। यदि शहर में कहीं भी मानव तस्करी की जानकारी किसी को मिलती है तो वह तत्काल एएचटीयू की टीम या नजदीकी पुलिस थाने को दे सकते हैं। जानकारी देने वाले का नाम गुप्त रखा जाता है। आपकी एक शिकायत मानव तस्करी को रोकने में कारगर साबित हो सकता है।
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