उत्तराखंड
घनसाली: एसडीएम एक्शन मोड में, बोले जंगली जानवरों का शिकार करने वालों की खैर नही…
घनसाली में जंगली मुर्गे-मुर्गियों के शिकार करने का एक मामला प्रकाश में आने पर उप जिला मजिस्ट्रेट के द्वारा शास्त्र धारक का शस्त्र जफ्त करने एवं शस्त्र (बंदूक ) लाईशेंस निरस्त करने कारवाही अमल में लाई गई है। एवं बंदूक स्वामी से शस्त्र की सुरक्षा हेतु मु. 200.00 रुपये प्रतिमाह भी वसूल किए जाने के आदेश दिए दिए।
हुआ यों कि एक ब्यक्ति के द्वारा अपने शस्त्र से जंगली मुर्गा-मुर्गीयों का शिकार करने का मामला प्रकाश में आया है। जिसके आधार पर, तहसील-घनसाली के, उप जिला मजिस्ट्रेट के. एन. गोस्वामी ने गंभीरता से संज्ञान लिया। तथा शस्त्र अधिनियम की कार्यवाही उक्त शस्त्र धारक के विरुद्ध अमल में लाई। और 200 रुपए प्रतिमाह के दर से शस्त्र सुरक्षा जमा करने के भी आदेश दिए।
उप जिला मजिस्ट्रेट गोस्वामी ने शस्त्र धारक का शस्त्र (बंदूक) संख्या- एस.बी.बी.एल. 21385/1983 जफ्त करने के अपने आदेश में, उल्लेख किया कि- जंगली मुर्गे-मुर्ग़ियाँ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनसूचि- के तहत अधिसूचित प्रजाति है। तथा वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा-9 के तहत इन प्रजातियों का शिकार पूर्णतया प्रतिबंधित है। जिसमें किसी भी शस्त्र धारक के द्वारा तत्संगत प्राविधानों का उलंघन करने पर कानून रूप से दण्ड का प्रविधान है।
उपजिला मजिस्ट्रेट घनसाली के. एन. गोस्वामी ने लाइसेंस धारक नत्थी राम का कृत्य लाइसेंस की शर्त का उल्लंघन पाया है।,और उसका शस्त्र लाइसेंस नवीनीकृत न करते हुए, शस्त्र धारक के शस्त्र लाइसेंस का निरस्तीकरण हेतु जिला मजिस्ट्रेट टिहरी गढ़वाल को कार्यवाही आदेश की प्रति प्रेषित की गई है।
इतना ही नहीं उप जिला मजिस्ट्रेट के. एन.गोस्वामी ने शस्त्र नियमावली -2016 के नियम 47 /48 में निहित प्रावधान के अंतर्गत कार्यवाही अमल में ला कर,थानाध्यक्ष घनसाली को उक्त शस्त्र को थाने के माल खाने में जमा करने के आदेश दिए। व शस्त्र धारक से शस्त्र की सुरक्षा हेतु मु. 200.00 रुपये प्रतिमाह भी वसूल किए जाने के आदेश दिए दिए ।
उप जिला मजिस्ट्रेट गोस्वामी ने कहा कि,यदि जंगली जानवरों के अवैध शिकार करने का कोई भी मामला प्रकाश में आएगा तो सम्बंधित ब्यक्ति, अथवा शस्त्र लाइसेंस धारक को बख्सा नहीं जाएगा और ऐसे लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
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