उत्तराखंड
उत्तराखंड में कावड़ यात्रा के लिए आईडी प्रूफ होना जरूरी, यहां ड्रोन से की जाएगी निगरानी
उत्तराखंड में कावड़ यात्रा के लिए आने वाले कावड़ियों के पास आईडी प्रूफ होना जरूरी होगा। डीजीपी अशोक कुमार ने चारधाम यात्रा के लिए आने वाले यात्रियों से हरिद्वार से न आने की अपील की है। हिसार कावड़ यात्रा की निगरानी ड्रोन से की जाएगी। धर्म नगरी हरिद्वार में 4 जुलाई से 15 जुलाई तक होने वाली कावड़ यात्रा के लिए उत्तराखंड के साथ आसपास के राज्य भी तैयारियों में जुट गए हैं।
पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक में तय किया गया कि इस बार बिना पहचान पत्र के कांवड़ियों को उत्तराखंड में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। कावड़ यात्रा की निगरानी के लिए ड्रोन का प्रयोग किया जाएगा। संपूर्ण कावड़ मेला क्षेत्र 333 सीसीटीवी से कवर है, जिसमें पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम भी लगे हैं।
कांवड़ लाने वाले यात्रियों को भी हिदायत दी गई है कि 12 फीट से ज्यादा ऊंची कावड़ लेकर न आए। इसके साथ ही सशर्त डीजे लाने की अनुमति कावड़ यात्रा के दौरान दी जाएगी।
डीजे लाने वाले कांवड़ियों पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा, लेकिन उसकी आवाज नियंत्रित रखी जाएगी। डीजीपी अशोक कुमार के अनुसार इस बार कावड़ यात्रा में चार करोड़ से अधिक यात्रियों के आने का अनुमान है। 20 वर्षों से हर वर्ष कांवड़ियों की संख्या में भारी वृद्धि हो रही है। इसको देखते हुए इस बार भी भारी संख्या में कांवरियों के आने की उम्मीद है।
भारी संख्या में आने वाले कांवड़ियों को देखते हुए कानून व्यवस्था और यातायात सहित अन्य दिक्कतों को दूर करने के लिए क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 32 जोन और 130 सेक्टर में बांटा गया है। इस व्यवस्था में लगे नोडल अधिकारियों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाने, अंतरराज्यीय बैरियरों पर संयुक्त पुलिस चेकिंग, सोशल मीडिया पर भेजे जाने वाले संदेशों की निगरानी करने की अपील की है।
डीजीपी के अनुसार दिल्ली और मेरठ वापस जाने के लिए कावड़ यात्रियों के लिए हाईवे की बाईं ओर की लेन आरक्षित की जाएगी। इस दौरान शिविर और भंडारे आदि भी हाईवे से 20 से 30 मीटर दूरी पर लगाए जाएंगे।
राष्ट्र विरोधी तत्वों पर नजर रखने के निर्देश भी दिए गए हैं। सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाओं के प्रसार पर रोक लगाने के लिए इसकी निगरानी की जाएगी। डीजीपी ने बताया कि सावन की अवधि में कावड़ यात्रा के समाप्त होने के बाद हर सोमवार, सोमवती अमावस्या और मोहर्रम को देखते हुए भी वर्तमान प्रबंध को बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।
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