उत्तराखंड
कानून एवं संविधान ने बनाया है मजिस्ट्रेट को अत्यधित सशक्त, इन शक्तियों का प्रयोग जनहित में करेंःडीएम
देहरादून: जिलाधिकारी सविन बंसल ने ऋषिपर्णा सभागार कलेक्ट्रेट में समस्त उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदारों के साथ महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें जनपद में लैंड फ्रॉड तथा जलमग्न भूमि पर अवैध कब्जे और से जुड़े मामलों पर चर्चा की हुई।
जिलाधिकारी ने कहा, ‘‘जलमग्न भूमि पर अवैध कब्जे और लैंड फ्रॉड से न केवल पर्यावरणीय क्षति होती है, बल्कि जनता की मेहनत की कमाई का भी दुरुपयोग होता है। ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी। उन्होने जनमानस से अनुरोध किया कि वे किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की जानकारी प्रशासन को दें।’’ प्रशासन सभी नागरिकों से सहयोग की अपेक्षा करता है ताकि जिले को सुरक्षित और धोखाधड़ी से मुक्त बनाया जा सके।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जनपद में जलमग्न भूमि का सटीक सीमांकन करते हुए इन क्षेत्रों को सार्वजनिक नोटिस के माध्यम से जनता को सूचित किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि जलमग्न श्रेणी की भूमि पर किए गए सभी अवैध कब्जो की सूची तैयार करते हुए अतिक्रमणमुक्त करने की कार्यवाही की जाए।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि लैंड फ्रॉड के केस में गंभीरता से जांच की जाए तथा अधीनस्थों से आने वाली रिपोर्ट को परीक्षण करने के बाद उस पर उपजिलाधिकारी तथा तहसीलदार अपनी टिप्पणी भी लिखेंगे। वहीं डीएम ने जनपद के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जलमग्न भूमि और भूमि धोखाधड़ी के खतरों पर जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिए। उन्होंने लंबित मामलों में तेजी लाने के लिए राजस्व अदालतों को निर्देशित किया।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, अपर नगर आयुक्त बीर सिंह बुदियाल, उप जिलाधिकारी मसूरी अनामिका, कालसी गौरी, सदर हरिगिरि, मुख्यालय शालिनी नेगी, ऋषिकेश स्मृता परमार, विकासनगर विनोद कुमार, डोईवाला अपर्णा ढौंडियाल, चकराता योगेश मेहर सहित समस्त तहसीलदार उपस्थित रहे।

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