देहरादून
घोषणा: ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में खुलेगी आईआरबी की बटालियन, 900 सिपाहियों की भर्ती..
देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश के युवाओं को खुशखबरी देते हुए घोषणा की है कि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में इंडियन रिजर्व बटालियन की तीसरी यूनिट खोली जाएगी। पुलिस मुख्यालय में आयोजित पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने यह बड़ी घोषणा की। गैरसैंण में खुलने आईआरबी की थर्ड बटालियन में 900 सिपाहियों की भर्ती होगी। इससे पुलिस की मोबिलिटी में इजाफा होगा वालीऔर इसी के साथ में नए पुलिस मुख्यालय का भी निर्माण होगा वहीं 5 पुलिस लाइनों का भी सुधारीकरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि अब उत्तराखंड पुलिस स्मार्ट पुलिस बनने की ओर अग्रसर है और इसी को मध्य नजर रखते हुए उत्तराखंड पुलिस में कई अहम बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक आईआरबी की दो ही बटालियन उत्तराखंड में मौजूद हैं और अब तीसरी बटालियन ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में खोलने का निर्णय लिया गया है। पौड़ी, चमोली, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी की जर्जर पुलिस लाइनों का सुधारीकरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की 05 पुलिस लाईनों के उच्चीकरण किए जाने पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में एंटी ड्रग पॉलिसी लाए जाने की आवश्यकता है। ड्रग्स में अंकुश लगाते हुए जो क्षेत्र अभी इससे अछूते हैं, उन क्षेत्रों में इसे फैलने से रोकना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए जनजागरूकता आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र पुलिस कैडेट के लिए भी वर्दी की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने पेट्रोलिंग बढ़ाने हेतु वाहनों की संख्या बढ़ाए जाने पर सहमति भी व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा, दुर्घटना एवं अन्य आपातकालीन परिस्थितियों में पुलिस विभाग को हैली सर्विस भी उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य की पुलिस को अपग्रेड करने हेतु हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बैठक के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार की बैठकें समय-समय पर आयोजित की जानी चाहिए। इससे पुलिस विभाग की चुनौतियों और समस्याओं को समझे जाने में सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि अभी सबसे बड़ी चुनौती कुंभ-2021 है। इसकी सफलता के लिए हमारा सिस्टम पूरी तरह से तैयार है। पुलिस विभाग के मॉर्डनाईजेशन के लिए हर सम्भव प्रयास किए जाएंगे। सीमित संसाधनों के बावजूद कोविड-19 जैसी परिस्थितियों में पुलिस विभाग एवं अन्य फ्रंटलाईन वर्कर ने अतिमहत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी है।
सचिव गृह नितेश झा उत्तराखण्ड पुलिस ने पिछले 20 वर्षों में विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए एक अच्छा मुकाम हासिल किया है। पुलिस विभाग में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से बहुत सी नियमावलियां बनायी गयी हैं। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध को रोकना चुनौतीपूर्ण कार्य है, इसके लिए पुलिस सिस्टम को मॉर्डनाईज किया जा रहा है। आधुनिक उपकरणों की सहायता ली जा रही है।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि प्रदेश में स्मार्ट पुलिसिंग की दिशा में अनेक पहल की गयी हैं। समाज सुधार के क्षेत्र में ऑपरेशन मुक्ति जैसे प्रयास किए जा रहे हैं। जिसके परिणाम स्वरूप 717 भीख मांगने वाले बच्चों को विद्यालय में एडमिशन दिलाया गया है एवं उनकी निगरानी भी की जा रही है। भीख मांगने वाले बच्चों के माता-पिता को जागरूक करने हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। क्राईम और क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम के क्रियान्वयन में उत्तराखण्ड का देश में 5वाँ और पर्वतीय राज्यों में प्रथम स्थान है।
पुलिस उपमहानिरीक्षक श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल ने विस्तृत प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि ऑपरेशन स्माईल के तहत पिछले 05 साल में 2300 बिछड़े हुए बच्चों को उनके परिवारजनों से मिलाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश, सीपीयू के गठन के लिए वर्ष 2017 में एवं ई-सुरक्षा चक्र के लिए वर्ष 2018 में पुरस्कार प्राप्त कर चुका है, इसके साथ ही विगत 03 वर्षों में प्रदेश के 03 थानों ने देश के टॉप-10 थानों में अपना स्थान बनाया है।
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