चमोली
चमोली आपदा: सुबह मुख्य सुरंग से बरामद हुए दो शव, 40 लोगों के शव हो चुके हैं बरामद.. रेस्क्यू जारी…
चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, आज बचाव कार्य का 8वां दिन है। तपोवन टनल से दो और शव बरामद हुए हैं। उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवानों ने शव को बाहर निकाला है। उत्तराखंड में अब तक 40 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं।
चमोली डीएम स्वाति भदोरिया का कहना है कि टनल के भीतर से दो शव बरामद होने के बाद सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन और तेज किया जाएगा। अब तक 40 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 164 अभी भी लापता हैं। मौसम विभाग के मुताबिक 14 से 16 फ़रवरी के बीच पूरे इलाके में मौसम खराब रहेगा। बारिश की संभावना है, ऐसे में रेस्क्यू टीम की परेशानी बढ़ सकती है.
उत्तरखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि तपोवन टनल में 7 फरवरी से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। आज दो शव टनल से निकाले गए। उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं। NDRF अब कैमरे के जरिये टनल के भीतर लोगों को तलाश करने की कोशिश करेगा।
चमोली की ऋषिगंगा घाटी में सात फरवरी को आई बाढ़ में मारे गए 40 लोगों के शव अब तक बरामद हो चुके हैं। जबकि 164 अन्य लोग अब भी लापता हैं। इन लापता लोगों में तपोवन सुरंग में फंसे 25 से 35 वे लोग भी शामिल हैं जो आपदा के समय वहां काम कर रहे थे। सुरंग में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस द्वारा पिछले एक सप्ताह से संयुक्त बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
चमोली त्रासदी में खोज एवं बचाव कार्य आठवें दिन भी जारी है। आज तड़के सुबह मुख्य सुरंग के किनारे से दो शव बरामद किए गए हैं। उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ से मिली जानकारी के अनुसारटनल में 130 मीटर अंदर जाने के बाद दो शव बरामद हुए हैं। फिलहाल बताया जा रहा है दोनों व्यक्ति इलेक्ट्रिशियन का काम करते थे।
ऋषि गंगा की बाढ़ में लापता बाहरी प्रदेशों के लोगों के परिजन मायूस और हताश होकर अब अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं। जो अभी भी यहां रुके हुए हैं उनको न रात में नींद आ रही है और न खाने की इच्छा हो रही है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन और ठहरने के बाद घर को लौट जाएंगे।
शनिवार को भी सुरंग और बैराज साइट पर कम ही परिजन मौजूद रहे। पूछताछ केंद्र में भी दोपहर 12 बजे तक सन्नाटा रहा। इसके बाद कुछ लोग अपनों की खोज में यहां पहुंचे। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने उन्हें ढांढस बंधाया और रेस्क्यू कार्य में तेजी का आश्वासन दिया। पूछताछ केंद्र में भी भीड़ जमा रहती थी लेकिन एक सप्ताह बाद भी अपनों की कोई सूचना न मिलने पर बाहरी प्रदेशों के परिजन अब हताश होकर लौटने लगे हैं।
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