उत्तराखंड
बागेश्वर: मानसून पूर्व तैयारियों पर डीएम ने दिए सख्त निर्देश; अलर्ट मोड पर रहें अधिकारी
जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने मानसून की तैयारियों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें उन्होंने सभी अधिकारियों को अपने संसाधनों को चुस्त-दुरुस्त रखने और अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी विभाग पूरी तरह से तैयार रहें।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने अधिकारियों को अपने फोन हमेशा ऑन रखने को कहा। उन्होंने थाना और तहसील स्तर पर उपलब्ध आपदा उपकरणों की जांच करने और उनके कुशल संचालन के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने का भी निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने आपदा संभावित और दूरस्थ क्षेत्रों में मानसून से पहले ही खाद्यान्न, दवाएं, गैस, डीजल और पेट्रोल का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि वर्षाकाल में सड़क, विद्युत और पेयजल बाधित होने पर रिस्पॉन्स टाइम कम से कम होना चाहिए, ताकि यात्रियों और जनता को अनावश्यक परेशानियों का सामना न करना पड़े। सड़क विभाग के अधिकारियों को मानसून के दौरान बंद होने वाले मार्गों की पहचान करने और उन्हें तुरंत खोलने के लिए जेसीबी की तैनाती सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। साथ ही इन जानकारियों को आपदा कंट्रोल रूम को भी सूचित करने को कहा गया।
वैकल्पिक सड़क मार्ग और पैदल मार्गों की भी पहचान करने के निर्देश दिए गए, ताकि आपदा के दौरान यातायात सुचारु रखा जा सके। विद्युत और पेयजल विभागों को आपदा संभावित क्षेत्रों में पाइप, विद्युत पोल, ट्रांसफार्मर और अन्य उपयोगी सामग्री का पर्याप्त भंडारण करने को कहा गया, ताकि मूलभूत सुविधाओं को जल्द से जल्द बहाल किया जा सके।
जिलाधिकारी ने कलमठों और नालियों को अभी से साफ करने और जल निकासी की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश उपजिलाधिकारियों व निकायों के अधिकारियों को दिए। पशुपालन विभाग को पर्याप्त मात्रा में चारा रखने और मानसून के दौरान होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए वैक्सीनेशन की व्यवस्था रखने का निर्देश दिए। प्रभागीय वनाधिकारी को मौसम की चेतावनी के दौरान ट्रैकर्स को ट्रैक रूट पर न भेजने और उन्हें चेतावनी संबंधी जानकारी से अवगत कराने को कहा गया।
सिंचाई विभाग को बाढ़ नियंत्रण हेतु जल पुलिस चौकी की स्थापना करने और ऊपरी क्षेत्रों में वर्षा होने की सूचना समय पर देने के निर्देश दिए गए, ताकि नदी किनारे रह रही आबादी को समय रहते हटाया जा सके तथा नदी किनारे चेतावनी बोर्ड लगाने का भी निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने आपदा की स्थिति में वायरलेस सेट और सैटेलाइट फोन की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा।
वन विभाग, पुलिस और राजस्व विभाग व अन्य संबंधित विभागों को आपसी समन्वय स्थापित कर सूचनाओं का त्वरित आदान-प्रदान करने का निर्देश दिए। उन्होंने चेतावनी दी कि आपदा के दौरान परिसंपत्तियों के नुकसान की सूचना तुरंत कंट्रोल रूम को दी जाए, इसमें लापरवाही करने पर संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी।
दूरसंचार अधिकारियों को मोबाइल टावरों में डीजल की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता बनाए रखने और सड़क विभाग के अधिकारियों को भू-स्खलन वाले स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने तहसील स्तर पर स्थापित किए जाने वाले कंट्रोल रूम की स्थापना समय पर कर लेने के भी निर्देश दिए।
बैठक में अपर जिलाधिकारी एनएस नबियाल, प्रभागीय वनाधिकारी ध्रुव सिंह मर्तोलिया, उपजिलाधिकारी मोनिका, अनिल सिंह रावत, ललित मोहन तिवारी, प्रियंका रानी, प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. अनुपमा हयांकी, पुलिस उपाधीक्षक अजय शाह, अधि.अभि. जल संस्थान सीएस देवड़ी, सिंचाई केके जोशी, जिला कार्यक्रम अधिकारी मंजुलता यादव, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

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