चमोली
फरमान: प्रवक्ता के अभ्यर्थियों पर उत्तराखंड लोक सेवा आयोग का जुल्म, ये कैसा आदेश…
भूपेंद्र नेगी/ गोपेश्वर: एक ओर जहां उत्तराखंड सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को 10% आरक्षण का प्रावधान दिया गया है। वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा प्रवक्ता स्क्रीनिंग परीक्षा पास अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा पास होने से पूर्व ही व्यक्तिगत रुप से डॉक्यूमेंट सत्यापित करने के लिए हरिद्वार बुलाया गया है।
दरअसल उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा अक्टूबर 2020 में प्रवक्ता की 571 पदों पर भर्ती निकाली गई थी। जिसमें 50 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन फार्म भरा था। 21 मार्च 2021 को आयोग द्वारा कहीं केंद्रों पर स्क्रीनिंग परीक्षा संपन्न कराई गई थी। 7 जुलाई 2021 को जब आयोग द्वारा रिजल्ट घोषित किया गया, तो उसमें लगभग 10379 अभ्यर्थियों ने स्क्रीनिंग परीक्षा उत्तीर्ण की।
ऐसे में आयोग ने 20 जुलाई 2021 को एक विज्ञप्ति जारी की जिसके दिशानिर्देश अनुसार प्री परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को 9 अगस्त 2021 से मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण होने से पूर्व ही डॉक्यूमेंट सत्यापित करने के लिए हरिद्वार बुलाया गया है। लेकिन इसमें कहीं अभ्यर्थियों ने आपत्ति जताई है कि उनकी 8 अगस्त को सहायक अध्यापक की भर्ती परीक्षा है।
ऐसे में दूरस्थ क्षेत्र के अभ्यर्थियों का कहना है कि वे 9 अगस्त को डॉक्यूमेंट सत्यापित कराने के लिए हरिद्वार नहीं पहुंच सकते हैं। जबकि आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों का स्पष्ट कहना है कि प्रवक्ता की मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद डॉक्यूमेंट सत्यापित करने के लिए हरिद्वार बुलाया जाए। ऐसे में अभ्यर्थियों का कहना है। आयोग मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण होने से पूर्व हरिद्वार बुलाता है। तो बरसात में जान जोखिम लेते हुए 10 हजार से अधिक खर्च करके मेंस परीक्षा देनी पड़ेगी। जो कि बेरोजगार युवाओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है। अतः अभ्यर्थियों का आयोग से निवेदन है कि मेंस परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को डॉक्यूमेंट सत्यापित करने के लिए हरिद्वार बुलाया जाए।
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