उत्तराखंड
देहरादून: नगर में संचालित सभी मीट शॉप का होगा सर्वे, प्रवर्तन की गई समिति गठित
देहरादून: जानवरों पर अत्याचार की रोकथाम के लिए जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार में जनपदीय पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक हुई। जिसमें पिछली बार लिए गए निर्णयों और कार्यान्वित गतिविधियों की विस्तृत समीक्षा की गई तथा पशु क्रूरता के मामलों को कम करने और पशु कल्याण को बढ़ावा देने हेतु किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा हुई।
जिलाधिकारी ने पशु कल्याण संगठनों, स्थानीय निकाय प्रशासन और पुलिस विभाग को बेहतर समन्वय स्थापित करने तथा पशु क्रूरता के मामलों पर प्रभावी ढंग से कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि मसला सिर्फ पशु क्रूरता का नही है, मानवीय संवेदना का भी है। उन्होंने निर्देश दिए कि डॉग ब्रीडर्स एवं पेट शॉप का अनिवार्य रूप से पंजीकरणहो। उन्होंने मुख्य नगर अधिकारी, अधिशासी अधिकारियों और सीवीओ को सख्ती के साथ इसका अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कहा कि शहर में बिना पंजीकरण के अवैध तरीके संचालित पेट शॉप को तत्काल बंद कराया जाए।
जिलाधिकारी ने एसडीएम की अध्यक्षता में सीवीओ, नगर निगम और खाद्य सुरक्षा अधिकारी की समिति गठित करते हुए नगर निकाय क्षेत्रान्तर्गत संचालित अपंजीकृत डेयरियों और अवैध मीट शॉप का भी विस्तृत सर्वे कराने के निर्देश दिए है। ताकि बिना पंजीकरण और लाइसेंस के संचालित अवैध मीट शॉप के विरुद्ध नियमानुसार सख्त कार्रवाई अमल में लाई जा सके। जिलाधिकारी ने गठित समिति को निर्देशित किया कि नगर क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित मीट शॉप का सर्वे करते हुए 15 दिनों में इसकी रिपोर्ट उपलब्ध करें। जिलाधिकारी ने पशु क्रूरता रोकथाम के लिए पुलिस, पशु क्रूरता निवारण सोसायटी और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी की अलग से बैठक कर आपसी समन्वय के साथ व्यावहारिक समस्याओं का शीघ्र समाधान करने के निर्देश भी दिए।
चोटिल, बीमार पशुओं के परिवहन एवं उपचार के जिलाधिकारी ने मौके पर ही दो वाहनों की स्वीकृति प्रदान की। साथ ही इसके संचालन और रखरखाव के लिए पीआरडी से मैन पावर की तैनाती के निर्देश भी दिए। कहा कि सम्बन्धित विभाग आपस में समन्वय बनाते हुए आवारा पशुओं, दुर्घटना में घायल पशुओं के रखरखाव, टीकाकरण व दवाइयों आदि की व्यवस्था समय पर सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों हेतु 02 अतिरिक्त गौशाला अगले माह तक तैयार हो जानी चाहिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में घूमते आवारा श्वान की संख्या में कमी लाने के लिए श्वानों के बाध्यीकरण की दिशा में ठोस कदम उठाए जाए। नगर निकायों एवं जिला पंचायत क्षेत्रों में घुमन्तु पशुओं को गौशाला में रखने और कांजी हाउस, गौशाला व गौ-सदन में रखे पशुओं को उचित संरक्षण प्रदान करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि शिक्षण संस्थानों एवं सार्वजनिक मंचों पर पशु क्रूरता के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम भी आयोजित किए जाए।
बैठक में मुख्य नगर आयुक्त नमामि बंसल, एसडीएम अपूर्वा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी एससी जोशी, डा0 शैलेन्द्र, डॉ0 मंजीत सिंह, डॉ0 पूजा पांडेय, सीमा शर्मा, आदि सहित पशु क्रूरता निवारण सोसाइटी के अन्य सदस्य मौजूद थे।

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