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Dehradun News: रणवीर एनकाउंटर केस में पुलिसकर्मियों को मिली जमानत, वर्दी में खेला गया था खूनी खेल…

Dehradun News: उत्तराखंड पुलिस को दागदार करने वाले  रणवीर एनकाउंटर मामले मे बड़ा अपडेट आ रहा है। उत्तराखंड में उबाल लाने वाले इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कई पुलिसकर्मियों को जमानत दे दी है। वरिष्ठ अधिवक्ता हर्षवीर प्रताप शर्मा की सुप्रीम कोर्ट में जबरदस्त पैरवी के चलते  पुलिसकर्मियों की जमानत हो पाई। आइए बताते है पूरा मामला..

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार उत्तराखंड में खाकी ने 2009 में फर्जी इनकाउंटर के नाम पर जो खूनी खेल रचा, उसने पुलिस पर कभी न धुले जाने वाला धब्बा लगा दिया। उस वारदात को यादकर आज भी लोग सहम जाते हैं। गाजियाबाद निवासी और देहरादून से एमबीए करने वाले छात्र रणबीर सिंह के फेक इनकाउंटर की गूंज पूरे देश में सुनाई दी थी। मामले की जांच सीबीआई (CBI) को देनी पड़ी थी।

मामला ये था कि तीन जुलाई, साल 2009 के दिन तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल उत्तराखंड के दौरे पर थीं। उन्हें देहरादून में जौलीग्रांट से मसूरी जाना था। रणवीर अपनी बाइक से दोस्त रामकुमार के साथ मोहिनी रोड पर अशोक कुमार से मिलने गया। अशोक रामकुमार का दोस्त था। जिस जगह पर दोनों अशोक का इंतजार कर रहे थे, वहां पर आराघर चौकी इंचार्ज जेडी भट्ट वाहनों की चेकिंग कर रहे थे।

राष्ट्रपति के काफिले की सूचना मिलने पर चौकी इंचार्ज इंचार्ज जेडी भट्ट ने वाहन चालकों को वहां से हटने के लिए कहा। रणवीर सिंह को उन्होंने संदिग्ध मानकर पूछाताछ की विवाद हो गया। इस पर चौकी इंचार्ज ने उसे गालियां दीं और उसकी बाइक पर डंडा दे मारा तब तक वहां पर अशोक भी आ गया था। इससे नाराज रणवीर सिंह और उसके दोस्तों ने चौकी इंजार्च को पीट दिया।

जिसपर पुलिस रणवीर को पकड़कर चौकी ले गई। रणबीर के परिजनों का आरोप है कि यहां पर उसे थर्ड डिग्री देकर टार्चर किया गया, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। अपना जुर्म छुपाने के लिए पुलिस उसे गाड़ी में डालकर लाडपुर के जंगल में ले गई, जहां पर फर्जी मुठभेड़ की कहानी गढ़कर उसकी हत्या कर दी गई है। इस कहानी को पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी तस्दीक करती है। रिपोर्ट में कहा गया था कि रणवीर के शरीर में 28 चोटें पाई गई हैं। इसी हकीकत को आधार बनाकर परिजनों ने पुलिस के खिलाफ जंग जीती है।

बताया जा रहा है कि मामले में कुल 17 पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा हुई थी। कुछ को न्यायालय ने बरी कर दिया था। मामले में अब सुप्रीम कोर्ट  ने इंस्पेक्टर संतोष कुमार जैसवाल, सब इंस्पेक्टर नितिन चौहान, नीरज यादव, जी.डी भट्ट और कांस्टेबल अजीत को जमानत मिल गई है। अब भी पांच सुद्धोवाला जेल में बंद में थे। इससे पहले कुछ दिन पूर्व SI राजेश को भी जमानत मिल गई थी।

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