उत्तराखंड
गजब: इसका मतलब संतुष्ट हैं अपने रिजल्ट से छात्र, अभी तक एक भी आवेदन नहीं…
देहरादूनः कोरोना की वजह से इस साल शिक्षा पर गहरा प्रभाव पड़ा था। बोर्ड के एग्जाम नहीं हो सके है। शिक्षा विभाग ने पहले रिजल्ट के आधार पर रिजल्ट घोषित किया। इसके साथ ही छात्र-छात्राओं को मौका दिया है कि वह अपने रिजल्ट से असंतुष्ट है, तो उसमें सुधार कर सकते है। लेकिन अभी तक किसी भी छात्र ने दोबारा परीक्षा के लिए आवेदन नहीं किया है। ऐसे में अब शिक्षा परिषद दोबारा परीक्षा कराने की जद्दोजहद से बच सकता है।
बता दें कि उत्तराखंड बोर्ड ने सीबीएसई की तर्ज पर रिजल्ट से असंतुष्ट होने वाले 10 व 12 के छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का मौका दिया था। इसके लिए एक अगस्त को परिषद ने सूचना भी प्रसारित की थी। जिसमें कहा गया था कि नंबरों से असंतुष्ट छात्र दोबारा परीक्षा देने के लिए 31 अगस्त तक आवेदन भेज सकते हैं। यह आवेदन विद्यालयों के जरिए परिषद कार्यालय को प्राप्त होंगे। लेकिन 15 दिन से ज्यादा होने के बाद भी किसी भी छात्र- छात्रा ने अभी तक दोबारा परीक्षा के लिए कोई आवेदन नहीं किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि छात्र बोर्ड से मिले नंबरों से संतुष्ट है।
गौरतलब है कि इस साल उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने 31 जुलाई को 10 वीं व 12 वीं का रिजल्ट घोषित किया था। छात्रों को कक्षा नौ में मिले अंकों के 75 प्रतिशत व हाईस्कूल के आंतरिक परीक्षा में मिले अंकों के 25 प्रतिशत नंबर के आधार पर हाईस्कूल का रिजल्ट तैयार हुआ था। इसी तरह इंटर के रिजल्ट बनाने के लिए छात्रों को हाईस्कूल में मिले नंबरों के 50, 11 वीं में मिले नंबरों के 40 व 12 वीं में आंतरिक परीक्षा में मिले नंबरों के दस प्रतिशत नंबर लिए गए थे।
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