देहरादून
गजब: क्या ड्रग्स माफियाओं के साथ मिलीभगत वाला ख़ाकी जवान भी होगा सम्मानित, असमंजस बरकरार…
देहरादून: उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से जुड़ी हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है। 15 अगस्त को राज्य में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया जाना है। जिसकी सूची जारी कर दी गई है। सूची में एक नाम ऐसा शामिल है जिसने शासन की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए है। सरकार द्वारा एक ऐसे पुलिसकर्मी को सम्मानित किए जाने का ऐलान किया गया है जो ड्रग्स माफिया के साथ शामिल है। पुलिस कॉस्टेबल पर ड्रग्स माफिया की मदद करने का आरोप है जिस पर कार्रवाई भी हुई है। उसके बावजूद उक्त पुलिस कॉस्टेबल का नाम सम्मान पाने वाले लोगों में शामिल है।
बता दें कि हाल ही में ज्वालापुर में एसटीएफ की टीम की ओर से नशा तस्करों पर कार्रवाई की गई थी। मामले की जांच में 8 पुलिसकर्मियों की हिस्ट्रीशीटर नशा तस्कर के साथ साठंगाठं सामने आई थी। नशा तस्करों से सांठगाठ रखने के आरोप में ज्वालापुर कोतवाली के सिपाही अमजद , नारकोटिक सेल में तैनात सिपाही रईस राजा को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इसके साथ ही दोनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड भी किया गया। वहीं आरोपियों की कॉल डिटेल में आठ पुलिस कॉस्टेबल के नाम भी सामने आए। मामले को गंभीरता से लेते हुए डीजीपी ने संलिप्त आठों कॉस्टेबलों को पहाड़ पर ट्रासंफर कर दिया था। लेकिन इन्ही आठ कॉस्टेबल में शामिल एक कॉस्टेबल हेमंत को स्वतंत्रता दिवस के दिन सम्मानित किया जाएगा। हरिद्वार के कॉस्टेबल हेंमत का नाम भी सम्मान पाने वालों की सूची में शामिल है। जो कई सवाल खड़ा कर रहा है।
मामले में बड़ा सवाल ये खड़ा हो रहा है कि किस आधार पर आरोपियों की मुखबिरी का काम करने वाले कर्मी कोे सम्मान देने के लिए चुना गया है। ये लिस्ट किसने तैयार की है। जब ये अवार्ड बेहरतीन कानून व्यवस्था बनाने के लिए अपनी जिम्मेदारियों को बाखूबी निभाने वालों को दिया जाता है तो आखिर हिस्ट्रीशीटर की मदद करने वाले का नाम शामिल कैसे हो गया। हालांकि अभी मामले में शासन की तरफ से कोई बयान नहीं आया है कि ये गलती से हुआ है या जानबूझ कर कॉस्टेबल हेंमत का नाम शामिल किया गया है।
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