उत्तराखंड
वैद्यों को झोलाछाप कहा, मचा बबाल, सीएमओ के पत्र पर आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सकों की नाराजगी
देहरादून। अमित रतूडी
चंपावत सीएमओ के एक पत्र से खफा यूनानी चिकित्सकों में मुख्य चिकित्साधिकारी के लिए गुस्सा फूट गया है। दरअसल सीएमओ आफिस से जारी एक पत्र में आयुर्वेद चिकित्सकों को झोलाछाप के शब्दों से संबोधित किया गया है। जिससे (आइएसएम) भारतीय चिकित्सीय पद्वति के लोग सकते में आ गए हैं।

दरअसल बीते दिनों मुख्य चिकित्सा अधिकारी चंपावत ने जिले में गठित न्याय पंचायत मेडिकल टीम को एक पत्र जारी किया। जिसमें उल्लेख किया गया कि कोविड19 की सुरक्षा के दृष्टिगत आईएसएम झोलाछाप डॉक्टरों पर कड़ी निगरानी रखी जाय। उक्त डॉक्टर लोगों को सर्दी जुकाम की शिकायत पर एलोपैथीक दवा वितरित कर रहे हैं।

पत्र के सर्कुलेट होते ही मामले ने तूल पकड़ लिया। राजकीय आयुर्वेद एवम यूनानी चिकित्सा पद्धति के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ कृष्ण सिंह ने बताया कि जिम्मेदार पद पर बैठे सीएमओ द्वारा लिखे गए ऐसे पत्र जिसमे आयुर्वेद से जुड़े डॉक्टरों को झोलाछाप कहकर संबोधित किया गया हो पूरा संघ इसकी निंदा करता है।

उन्होंने मामले को उच्च स्तर पर भेजकर तत्काल चिकित्सकों की भावनाओं को पहुंचे आघात के बारे में बताया है। कहा कि सीएमओ की इस प्रकार की भाषाशैली से सभी यूनानी चिकिसको में रोष व्याप्त है।

तत्काल मामले में सीएमओ को खेद प्रकट करना होगा। इसके अलावा भविष्य में आयुर्वेद डॉक्टरों को इस प्रकार की भाषाशैली से संबोधित न करने का विश्वास संघ को दिलाना होगा। उधर मामले में गंभीरता दिखाते हुए उच्च स्तर पर मामले ने तूल पकड़ लिया। देर शाम मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा एक संशोधित पत्र प्रेषित किया गया है।
जिसमे अब आइएसएम, झोलाछाप कर दिया गया है। बहरहाल मामले में आयुर्वेद से जुड़े चिकित्सकों में रोष बना हुआ है।

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