उत्तराखंड
Big News: उत्तराखंड में इन 416 सड़कों पर गाड़ी चलाना मना, जानिए वजह…
देहरादूनः उत्तराखंड में पक्की सड़क एक बड़ा मुद्दा रहीं है। पहाड़ से लेकर मैदान तक कई क्षेत्र ऐसे है जहां सड़क न होने के कारण लोग मूलभूत सुविधाओं से दूर है। ऐसे में राज्य में सड़कों को लेकर बड़ी रिपोर्ट सामने आई है। उत्तराखंड में 416 ऐसी सड़के है जहां गाड़ी चलाना मना है। विभिन्न जिलों में सड़के बने लंबा समय बीत गया है। फिर भी परिवहन विभाग ने इन 416 सड़कों पर वाहन चलाने की अनुमति अभी तक नहीं दी है। ये सड़के टिहरी, पौड़ी , रूद्रप्रयाग,चंपावत, नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर में है। ऐसे में अगर कोई इन सड़कों पर वाहन चलाता भी है तो दुर्घटना होने पर उसे कोई मुआवजा , बीमा कुछ नहीं मिलेगा।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार टिहरी में कमर्शियल वाहनों के लिए संचालन के लिए 188 सड़कें मंजूर हैं। 20 महत्वपूर्ण सड़कों के प्रस्ताव पिछले करीब दो साल से लटके हुए हैं। परिवहन अधिकारियों का कहना है कि निर्माण एजेंसियों के स्तर पर सड़कों में कुछ सुधार की गुंजाइश है। तो वहीं पौड़ी में 778 सड़कें वाहनों के संचालन के लिए स्वीकृत हैं। जबकि 42 सड़क करीब साल भर से लटकी हुई हैं। इनमें 24 सड़कों का एक बार परिवहन महकमे ने संयुक्त निरीक्षण भी कर दिया। इन सड़कों पर पाई गई खामियों को दूर करने के लिए लोनिवि को कहा गया है। धुमाकोट क्षेत्र की मजेंडाबैंड-जडाऊखांद सड़क 20 किलोमीटर लंबी है। नैनीताल में इस वक्त आठ महत्वपूर्ण सड़कों के प्रस्ताव अक्तूबर 2021 से लटके हुए हैं। जिले में इस वक्त वाहनों के संचालन के लिए 294 रूट मंजूर हैं।
वहीं रुद्रप्रयाग में 59 सड़कें यात्री और कमर्शियल वाहनों के संचालन के लिए एक से लेकर पांच साल से मंजूरी की राह देख रही हैं। वर्तमान में केवल 63 सड़कें ही वाहनों संचालन को स्वीकृत हैं जबकि पिथौरागढ़ में कमर्शियल वाहन, बस, टैक्सी, मैक्सी आदि के संचालन के लिए परिवहन विभाग से 372 सड़क स्वीकृत हैं। जबकि 52 और नए रूट के लिए आवेदन आ चुके हैं। प्रस्ताव पिछले आठ महीने से परिवहन विभाग और निर्माण एजेंसियों के बीच ही अधर में लटके हैं। जिन सड़कों को वाहन संचालन के लिए अनुमति नहीं मिलती, परिवहन विभाग उन पर सुरक्षा इंतजामात शुरू नहीं करता। सड़क के किनारे क्रश बैरियर, यातायात सुरक्षा और जागरूकता से जुड़े साइन बोड़र् आदि भी नहीं लगाए जाते। अवैध मार्गों पर हादसा होने पर वाहन मालिक को बीमा क्लेम का लाभ नहीं मिल पाता।
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