नैनीताल
उत्तराखंड के इन तीन गांवों में कर्फ्यू जैसे हालात, 11 दिन से स्कूल बंद, जानें वजह…
उत्तराखंड के नैनीताल जिले के भीमताल विधानसभा क्षेत्र के तीन गांवों में इन दिनों ग्रामीणों में दहशत है। गांवों के हालात कर्फ्यू जैसे है। बताया जा रहा है यहां पिनरो, अलचौना और मलवाताल इलाके में आदमखोर वन्य जीव (गुलदार/बाघ) 14 दिन में तीन लोगों को मौत के घाट उतार चुका है। आतंक के कारण 11 दिन से स्कूल बंद है। लोग घर से निकलने में कतरा रहे है। लोगों में आक्रोश है तो वहीं क्षेत्र में ऐसा लग रहा है जैसे धारा 144 लागू हो।
मिली जानकारी के अनुसार विकासखंड भीमताल में आदमखोर वन्य जीव का आतंक दहशत का पर्याय बन चुका है। 14दिन के भीतर गुलदार ने तीन महिलाओं को मार डाला है। आदमखोर वन्य जीव ने अपना पहला शिकार 7 दिसंबर को बनाया था। पहली घटना 7 दिसंबर को इंदिरा देवी निवासी मलूवाताल गांव, दूसरी घटना 9 दिसंबर को पुष्पा देवी, पिनरो गांव और दूसरी घटना घटने के अगले ही दिन 10 दिसंबर से इलाके के स्कूल भी बंद है। तीसरी घटना 19 दिसंबर को निकिता शर्मा निवासी अलचौना गांव के रूप में घटी है। ये सभी गांव भीमताल विधानसभा क्षेत्र में आते हैं।तब से आज तक 15 दिन बीत चुके हैं। लेकिन वन विभाग वन्य जीव को पकड़ने में नाकमयाब साबित हो रहा है।
बताया जा रहा है कि ग्राम सभा अलचौना के तोक ताड़ा में मंगलवार शाम करीब साढ़े चार बजे 19 वर्षीय निकिता शर्मा घर से कुछ दूरी पर स्वजन व पड़ोसियों के साथ खेत में घास काटने जा रही थी। पहले से घात लगाए बैठे गुलदार ने निकिता पर अचानक हमला कर दिया और उसे घसीटते हुए करीब आधे किमी तक ले गया। पिता विपिन शर्मा भी हल्ला मचाते हुए उसके पीछे-पीछे भागे। इसके बाद खेतों में काम कर रहे अन्य लोग भी शोर मचाते हुए पहुंचे तो गुलदार युवती को छोड़ जंगल की ओर भागा। गुलदार ने उसके गले में दांत गड़ा रखे थे और वह दम तोड़ चुकी थी। ग्रामीण दहशत में हैं और गांव में कर्फ्यू जैसी स्थिति है. लोगों को रोजमर्रा के काम भी प्रभावित हो रहे हैं।
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