उत्तराखंड
Big Breaking: उत्तराखंड में लोकपर्व इगास की छुट्टी के आदेश जारी, रविवार को नही इस दिन रहेगा अवकाश, पढ़ें…
देहरादून: उत्तराखंड में छठ की छुट्टी के बाद जिस तरह से लोकपर्व इगास की छुट्टी की मांग उठी। विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाया तो वहीं सीएम धामी ने इगास पर राजकीय अवकाश घोषित कर बड़ा दांव खेला। हालांकि इगास लोक पर्व 14 नवंबर यानी रविवार को होने के कारण छुट्टी पर सवाल उठे तो अब सरकार ने उसके 1 दिन बाद यानी 15 नवंबर को इगास के राजकीय अवकाश का आदेश जारी कर दिया है।सीएम धामी के निर्देश के बाद छुट्टी के आदेश आज (शुक्रवार) को सामान्य प्रशासन विभाग ने अवकाश के जारी किए हैं। बैंक, कोषागार, उप कोषागार को छोड़ कर शेष सभी स्कूलों , विभागों में 15 नवंबर (सोमवार) को अवकाश रहेगा। आदेश में साफ कहा गया कि बैंक, कोषागार व उप कोषागार को छोड़ कर राज्य में अवकाश रहेगा। इस बारे में सभी विभागों के अधिकारियों व जिलाधिकारियों को अवकाश की सूचना भेजी गई है।
आपको बता दें कि पूर्व सीएम हरीश रावत ने सीएम पुष्कर धामी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि जब इगास पर्व इतवार को पड़ रहा है तो छुट्टी देने का क्या फायदा होगा। उन्होंने कहा था कि सीएम की घोषणाओं का लाभ इगास प्रेमियों को नहीं मिलेगा। गौरतलब है कि दिवाली के 11 दिन बाद पहाड़ में एक ओर दिवाली मनाई जाती है, जिसे इगास कहा जाता है। इस दिन सुबह मीठे पकवान बनाए जाते हैं और शाम को भैलो जलाकर देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। पूजा-अर्चना के बाद ढोल-दमाऊं की थाप पर भैलो (भीमल या चीड़ की लकड़ी का गट्ठर) जलाकर घुमाया जाता है और नृत्य किया जाता है। मान्यता है कि भगवान राम के लकां विजय कर अयोध्या पहुंचने की सूचना पहाड़ में 11 दिन बाद मिली थी। इसीलिए दिवाली के 11 दिन बाद इगास (बूढ़ी दिवाली) मनाया जाता है।

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