टिहरी गढ़वाल
घनसाली: डिजिटल दौर में भी ठप हुई कनेक्टिविटी, लगे टॉवर भी बने शोपीस…
टिहरी गढ़वाल। मनमोहन सिंह रावत। लॉकडाउन के बीच पढ़ाई को सुचारू रूप से चलाने के लिए शुरू ऑनलाइन क्लासेस का लाभ बच्चे नेटवर्क की समस्या के कारण नहीं उठा पा रहे हैं। वहीं एक तरफ सरकार डिजिटल दौर की बात कर रही है तो वहीं बच्चे पढ़ाई के लिए बेहतर नेटवर्क वाले इलाकों में जाने को मजबूर हैं।
हम बात कर रहें है टिहरी जिले में सीमान्त क्षेत्र बूढाकेदार की जहां कई वर्षों से लगे जीओ के दो मोबाइल टॉवर शो पीस बन चुके हैं। तीन साल पहले 1 मोबाइल टॉवर थाती कठूड के तिनगड गांव के समीप वा दूसरा मोबाइल टावर तीतरूणा थाती बूढ़ाकेदार में जिओ के द्वारा लगवाया गया था मगर अभी तक कनेक्टिविटी शुरू न होने के कारण मेड, मारवाड़ी, निवालगांव, कोटी, अगुंडा, पिंसवाड, तितरूणा, कोट, तोली, जखाणा, गेवाली, दल्ला, भिगुन गांव के बच्चों का भविष्य अंधकार होता नजर आ रहा है।
कोरोना काल के कारण जहां पूरे देश और विदेश में ऑनलाइन क्लास चल रही है वहीं बूढाकेदार क्षेत्र में कनेक्टिविटी न होने के कारण बच्चे क्लास अटेंड नहीं कर पा रहे हैं। स्थानीय लोगों को काम धंधा छोड़कर कई मील पैदल चलकर पहाड़ियों के ऊपर चढ़कर बात करने को मजबूर होना पड़ रहा है
क्षेत्र में 22 गाँव है और कम से कम 20 हजार की जनसंख्या है। क्षेत्र में आधे से ज्यादा गांव तो ऐसे भी हैं जहां कभी फोन से बात भी नहीं हो पाती। जब अपने घर परिवार का हल समाचार पूछने के लिए फ़ोन करते हैं, तो एक दो महीनों तक का इंतजार तक भी करना पड़ता है। जहां नेटवर्क होगा उधर तो पढ़ाई हो रही होगी लेकिन जहाँ नेटवर्क ही नहीं होगा उधर के बच्चे कैसे पढ़ेंगे..? क्या उनका कोई सपना नही है..? उनको आगे नहीं बढ़ना..?
गांव वालों का कहना है कि वोट के समय नेता लोग जनता के चरणों में गिर जाते है। सहानुभूति बटोरने के लिए। लेकिन जीतने के बाद हालत जस के तस है। मोबाइल फोन और लैपटॉप पर बिना नेटवर्क के ऑनलाइन क्लास लेना संभव नहीं है। इस दिक्कत से क्षेत्र के 5000 से अधिक बच्चे प्रभावित हैं जो काफी दयनीय हालत है सरकार से हमारी अपील है जल्द से जल्द नेटवर्क शुरू करने में मदद करेें नहीं तो जन आन्दोलन खड़ा करने में देर नहीं लगेगी।
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