टिहरी गढ़वाल
टिहरी: सीएम धामी ने किया घंटाकर्ण घंडियाल देवता के नवनिर्मित मंदिर का लोकार्पण, की ये बड़ी घोषणा…
टिहरी: उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल में 143 ग्राम पंचायतों के बीच स्थित घंटाकर्ण धाम के नवनिर्मित घंटाकर्ण घंडियाल देवता के मंदिर का आज लोकार्पण हो गया है। मंदिर का लोकार्पण सीएम धामी ने किया है। इस दौरान उन्होंने कई घोषणाएं करते हुए कहा कि घंटाकर्ण मंदिर को सड़क सुविधा से जोडा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे जो घोषणाएं कर रहे हैं, उन्हें पूरा किया जाएगा। देहरादून से टिहरी झील तक सुरंग की सैद्धांतिक स्वीकृति केंद्र सरकार से मिल चुकी है।
आपको बता दें कि तकरीबन आठ साल तक मंदिर का निर्माण किया गया। मंदिर का काम पूरा होने के बाद मंदिर में हवन, पूजन, अर्चना के साथ अनुष्ठान का कार्य शुरू हुआ। पहले दिन नवनिर्मित मंदिर के गर्भ गृह में पूजा अर्चना की गई। इस दौरान घंटाकर्ण घंडियाल के जय घोष से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। घंडियाल देवता के पश्वा की उपस्थिति में गर्भ गृह में पूजा अर्चना की गई। सीएम धामी ने कहा कि घडियाल देवता पूरे क्षेत्र का आराध्य देव है, जो भी व्यक्ति यहां दर्शन को पहुंचते हैं उनकी मनोकामना पूरी होती है।
आपको बता दें कि घंडियाल देवता को बदरीनाथ धाम का रक्षक कहा जाता है। जिस तरह से भैरवनाथ जी को केदारनाथ का रक्षक कहा जाता है, उसी प्रकार घंडियाल देवता भी बदरीनाथ धाम की रक्षा करते हैं। घंटाकर्ण बचपन से एक राक्षस था और साथ ही शिव का अनन्य भक्त भी था।इतना अनन्य कि उसे किसी अन्य के मुख से शिव का नाम सुनना भी पसंद ना था इसलिए उसने अपने कानों में बड़े-बड़े घंटे धारण किए हुए थे,जिस कारण नाम घंटाकर्ण पड़ा। घंटाकर्ण की भक्ति से भगवान शिव अति प्रसन्न हुए और इन्हें स्वयं दर्शन दिए तथा वर मांगने को कहा। वरदान स्वरूप घंटाकर्ण ने अपनी मुक्ति की इच्छा रखी।
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