टिहरी गढ़वाल
टिहरी: गर्भवती को मोबाइल की लाइट और चारपाई का ‘सहारा’, इन हालातों में दिया तीन बच्चों को जन्म…
टिहरी: उत्तराखंड में पहाड़ की समस्याएं आज भी पहाड़ की तरह जस की तस खड़ी है। जिन मूलभूत सुविधाओं के लिए उत्तराखंड का गठन हुआ था। 21 साल बाद भी
मूलभूत सुविधाओं का कितना अभाव है इसकी बानगी टिहरी जिले के चौंरीखाल गांव में देखने को मिली है यहां गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर मोबाइल की लाइट से चारपाई के सहारे सड़क तक पहुंचाया गया। जब तक मदद के लिए 108 एंबुलेंस सेवा पहुंचती तब तक महिला एक बेटी को जन्म दे चुकी थी। जिसके बाद महिला ने दो और बच्चों को अस्पताल पहुँचने से पहले ही जन्म दिया। जिसके बाद एम्बुलेंस से प्रस्तूता को अस्पताल पहुँचाया गया। जहां जच्चा और तीनों बच्चे स्वस्थ बताए जा रहे हैं।
बता दें कि पहाड़ी क्षेत्रों में दम तोड़ चुकी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का इससे अधिक प्रत्यक्ष उदाहरण क्या हो सकता है कि प्रसूती को सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ रहा है। सरकार एक तरफ मानती है कि सुरक्षित प्रसव हर महिला का अधिकार है और इसके लिए सरकार की ओर से जननी सुरक्षा योजना भी चलाया जा रहा है। मगर उत्तराखंड के दुर्गम में अभी भी गर्भवती कभी खेत किनारे तो कभी सड़क पर ही नवजात को जन्म देने पर मजबूत है। शासन प्रशासन के लिए गहन चिंतन करने वाला ऐसा ही एक मामला टिहरी गढ़वाल जनपद से आ रहा है ।जहां बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के चलते एक प्रसूती को सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा है।
आपको बता दें कि कीर्तिनगर तहसील के अंतर्गत बढ़ियारगढ़ के चौरीखाल गांव निवासी गर्भवती अंजू के जब पीड़ा शुरू हुई तो 108 एम्बुलेंस को मदद के लिए बुलाया गया। गांव में लाइट न होने के कारण मोबाइल की लाइट के सहारे ही किसी तरह अंजू को चारपाई के सहारे लेकर निकले। लेकिन 108 के आने से पहले ही महिला ने सड़क पर एक बच्चे को जन्म दे दिया था। 108 एम्बुलेंस सेवा के फार्मासिस्ट हिमांशु ने नवजात को दवा दी। जिसके बाद प्रसव पीड़ित महिला को आधा किलोमीटर पैदल चारपाई पर ले जाकर एंबुलेंस तक पहुंचाया गया जिसके बाद एंबुलेंस से महिला और नवजात को लेकर श्रीनगर के बेस अस्पताल के लिए निकली। गांव से 7 किलोमीटर आगे सिलरी गांव के पास पहुंचते ही महिला ने रात 2 बजे 2 और बच्चों को जन्म दे दिया। देर रात महिला को श्रीनगर बेस अस्पताल पहुंचाया गया। जहां तीनों बच्चों की हालात ठीक है। लेकिन मामले से स्वास्थ्य सेवाओ की पोल खुल गई है।
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