टिहरी गढ़वाल
जल संकट: पानी की किल्लत से परेशान ग्रामीण, हर घर को नल से जल भी मौन…
टिहरी गढ़वाल: टिहरी जिले के पौराणिक तीर्थ धाम बूढ़ाकेदार में ग्रामीण पीने के पानी को तरस रहे हैं। जबकि बूढ़ाकेदार में बाल गंगा व धर्म गंगा नदियां भी बह रही हैं। बरसात के समय नदियों का पानी गंदा होने के कारण पीने लायक नहीं रह जाता है जिससे कि ग्रामीण बरसात में पीने के पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। जहां देश व प्रदेश में जल जीवन मिशन हर घर जल हर घर नल पर तेजी से कार्य चल रहा है वही विकासखंड भिलंगना के सबसे बड़े गांव थाती बूढ़ाकेदार में जल संस्थान, जल निगम विभाग की घोर लापरवाही कहे या जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता के कारण कहीं भी यह योजना धरातल पर दिखाई नहीं दे रही है।
यह भी पढ़े- अच्छी खबर: तीसरी लहर आने में अभी वक़्त, जुलाई से बच्चों पर भी कोरोना टीका लगने की उम्मीद..
जबकि पौराणिक तीर्थधाम बूढ़ाकेदार मंदिर 12 महीने तीर्थ यात्रियों के लिए खुला रहता है जिससे कि तीर्थ यात्रियों को भी पीने के पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। अमूमन यह भी देखा गया है कि जिस गांव वा जिस क्षेत्र में जनप्रतिनिधि सक्रिय दिखाई दे रहे हैं वहां पर जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल हर घर नल पर कार्य भी किया जा रहा है और कहीं पर पूर्ण भी हो चुका है। भले ही पर्याप्त मात्रा में जल स्रोत पर पानी न हो पर हर घर पर सूखे नल पहुंच चुके हैं मगर सरकार की तरफ से लाखों रुपए खर्च हो चुके हैं। इसका जीता जागता उदाहरण बासर पट्टी के डालगांव के गोपाल सिंह राणा वा अजय सिंह राणा ने बताया है कि 20 लीटर पानी के लिए सारे दिन जल स्रोत (धारे) पर इंतजार करना पड़ रहा है पूर्व में जल संस्थान द्वारा पानी का टैंकर भेज कर गांव में पानी की पूर्ति की जाती थी मगर जब से जल जीवन मिशन के तहत आधे गांव में हर घर जल हर घर नल वाले सूखे नल के कनेक्शन दे दिए गए हैं तब से जल संस्थान ने यह टैंकर से जल आपूर्ति करना भी बंद कर दिया गया है विभाग द्वारा आधे अधूरे काम के कारण ग्रामीण अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं जबकि अजय सिंह राणा ने बताया है कि इसकी शिकायत एक महा पूर्व घनसाली विधायक शक्ति लाल से भी की गई है मगर इस पर कोई कार्रवाई आज तक नहीं हुई है आलम यह है कि पानी के लिए पूरे दिन लाइन में लगकर दूसरे बर्तन भरने को लेकर कई बार लड़ाईयां भी हो चुकी हैं।
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 उत्तराखंड टुडे के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
👉 उत्तराखंड टुडे के फेसबुक पेज़ को लाइक करें