उत्तराखंड
खौफ़: कोरोना की सच्ची, फर्जी रिपोर्ट के ख़ौफ़ में जी रहा इंसान, आखिर किस रिपोर्ट पर यकीन करें
देहरादून। कोरोना की रिपोर्टों के सत्यापन में अब इंसान जीने लगा है। दरअसल, किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव तो किसी की नेगेटिव अब इस संशय में इंसान करे भी तो क्या, आखिर किसकी रिपोर्ट पर यकीन करें
वरिष्ठ पत्रकार गजेंद्र रावत की एक पोस्ट में लिखा गया है कि, कल लगभग 30 सांसदों के कोरोना पॉजिटिव होने की बात चर्चा में आई थी।
राजस्थान के सांसद हनुमान बेनीवाल की भी दिल्ली में संसद सत्र से पहले कोरोना जांच करवाई गयी तो वे पॉजिटिव आए। सांसद दिल्ली से लौट गए लेकिन उन्होंने सोचा कि एक बार ओर कोविड जाँच करवा लेते हैं।
इसके बाद सांसद बेनीवाल ने जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में कोरोना टेस्ट करवाया तो वो नेगेटिव आया।
अब वो पूछ रहे है कि बताइये किसको सही माना जाए ?
आप कहेंगें कि ये तो हो सकता है एकाध बार गलत रिपोर्ट भी आ जाती है ठीक है लेकिन इस पर क्या कहेंगे आप ?
अगस्त के मध्य में राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस इंद्रजीत मोहंती के कोरोना टेस्ट हुए, तीन दिन में जस्टिस मोहंती के छह टेस्ट किए गए। इनमें से दो की रिपोर्ट पॉज़िटिव आई, वहीं चार की रिपोर्ट नेगेटिव आई ।
बाद में जस्टिस मोहंती को कोविड 19 होने की आशंका के चलते राजस्थान हाईकोर्ट में तीन दिन की छुट्टी घोषित कर दी गयी, लेकिन यह स्पष्ट नही हुआ कि वे कोरोना पॉजिटिव थे या नही ?
ऐसे सैकड़ों मामले आए होंगे लेकिन चूंकि यह बड़े लोगो से जुड़ा मामला था इसलिए इस पर खबर छप गयी लेकिन पता नही ऐसे कितने लोगों की गलत रिपोर्ट बना दी गयी होगी। हाल ही में कई जगह पर ऐसे मामले सुनने को आ रहे हैं। जिनमे सरकारी रिपोर्ट पॉजिटिव और निजी लैब की रिपोर्ट नेगेटिव। ऐसे में इंसान किसकी रिपोर्ट पर यकीन करे।
इसके अलावा इंसान इसकी चपेट में है या नहीं लेकिन मानसिक स्तर पर जरूर बीमार हो रहा है। इसलिए उत्तराखण्ड टुडे आप सभी से यह अपील करता है कि कोरोना का डट कर सामना करें, घबराएं नही सावधानी का प्रयोग करें और WHO की गाइड लाइन का पालन करें।
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