उत्तराखंड
टीकारकण से जुड़ी समस्याएं खत्म कर देगा ये पोर्टल, सरकार की यू-विन एप है तैयार
कोविन एप की सफलता को देखते हुए सरकार की ओर से उसी के तर्ज पर रूटीन टीकाकरण के लिए यू-विन एप तैयार किया गया है। इस एप में गर्भवती महिलाओं और उनके होने वाले नवजात बच्चों के टीकाकरण का रिकॉर्ड दर्ज किया जाएगा। सरकार यू-विन एप के माध्यम से टीकाकरण की रियल टाइम मॉनिटरिंग कर टीकाकरण को और बेहतर बनाना चाहती हैं, जहां कोविन पोर्टल की तर्ज पर इस एप में भी तमाम रिकॉर्ड तत्काल अपडेट होगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ0 आर0सी0एस0 पंवार द्वारा जानकारी दी गई कि कोरोना महामारी के खिलाफ टीकाकरण में ब्रह्मास्त्र साबित हुए कोविन ऐप की सफलता के बाद अब सरकार दूसरे वैक्सीनेशन कार्यक्रम को भी डिजिटल कर रही है। इसके लिए सरकार द्वारा यू-विन पोर्टल तैयार कर लिया गया है।
आगामी अगस्त माह में लाँच हो रहे यू-विन पोर्टल पर मुख्यतः गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण, टीकाकरण की स्थिति, नवजात के पंजीकरण व टीकाकरण की पूर्ण जानकारी रहेगी साथ ही टीकाकरण की आगामी तारीख आने से पहले ही गर्भवती/धात्री महिलाओं को मोबाइल पर संदेश के माध्यम से जानकारी मिलेगी।
यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम को डिजिटल बनाने हेतु शुक्रवार को आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला में चिकित्सा अधिकारियों, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधकों, ब्लॉक कार्डिनेटर, हेल्थ विजिटर एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को यू-विन पोर्टल का प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
मास्टर ट्रेनर, यूएनडीपी के प्रोजक्ट ऑफिसर, आई0टी0 सिदार्थ चौधरी ने बताया कि यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम को डिजिटल बनाने हेतु को-विन की तर्ज पर यू-विन प्लेटफार्म बनाया गया है। उन्होंने बताया कि यू-विन पोर्टल पर टीकाकरण सेवा, टीकाकरण की अद्यतन स्थिति, आरआई सत्र और टीकाकरण कवरेज आदि रिपोर्ट एकल प्लेटफार्म पर प्राप्त होगीं।
टीकाकरण के लिए व्यक्तिगत ट्रेकिंग, आगामी खुराक के लिए अनुस्मारक, ड्रापआउट के फालोअप के लिए सभी गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं का डिजिटल पंजीकरण होगा, लाभार्थी को ट्रेक करने और टीकाकरण के लिए जनपद के पास सामान्य डेटाबेस तक पहुंच हो सकेगी, यू-विन पोर्टल के माध्यम से नागरिक अपने आस-पास के टीकाकरण केंद्रों की खोज कर सकेंगे व टीका लगाने के लिए समय बुक करा सकते हैं।
उनके द्वारा जानकारी दी गई कि यू-विन पोर्टल से सबसे बड़ा फायदा उन लोगों की पहचान करने में होगा जो अब किसी कारण से एक राज्य से दूसरे राज्य में जा रहे हैं। उनके बच्चों के टीकाकरण न होने की स्थिति में भी उनसे संपर्क कर, उनके बच्चों का टीकाकरण किया जा सकेगा।
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