देहरादून
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री तीरथ रावत की फिर फिसली जुबान, फिर सुर्खियों में जानें क्यों…
देहरादून: अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में है। हरिद्वार में कुंभ कार्यो के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते उनकी जुबान एक बार फिर से फिसल गई। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हरिद्वार में कुंभ होने की बात कहते-कहते ये भी बोल गए कि कुंभ बनारस में होता है और उज्जैन में भी होता है। मोदी को भगवान बताने, फिर लड़कियों की फटी जींस और भारत को अमेरिका का गुलाम, 20 बच्चे पैदा करने के बाद एक बार फिर उनकी जुबान फिसली है। दरअसल मुख्यमंत्री तीरथ मंगलवार को कुंभ क्षेत्र में सिंचाई, गृह विभाग, परिवहन निगम आदि की विभिन्न योजनाओं के कुल 31 कार्यों का लोकार्पण करने के लिए हरिद्वार पहुंचे थे। यहां वह कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, तभी उनकी जुबान फिसल गई। मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने जोर देते हुए कहा की मैंने जैसे कहा कि महाकुंभ 12 साल में आता है हर साल नहीं आता है। मेले जगह-जगह होते हैं, कहीं भी हो सकते हैं लेकिन कुंभ हरिद्वार में ही होता है 12 साल में होता है। बनारस में होता है, उज्जैन में होता है। इसीलिए यह भव्य दिव्य होना चाहिए। बता दें कि सही मायने में कुंभ हरिद्वार, उज्जैन, प्रयागराज और नासिक में होता है। इससे लगता है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ का विवादित बयानों से मानो करीब का नाता होता जा रहा है। आइये जानते हैं उनके अब तक के ऐसे बयान जिन्होंने उनकी खूब किरकिरी कराई थी।
आपको बता दें कि तीरथ सिंह के उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनने के बाद वो विवादित बयान देते रहे हैं जिनके कारण उनकी काफी किरकिरी हुई है। सबसे पहले उन्होंने नरेंद्र मोदी की भगवान राम और श्री कृष्ण से तुलना कर दी थी। जिस बयान में उन्होंने कहा था कि जिस तरह से द्वापर और त्रेता युग में भगवान राम व कृष्ण को लोग उनके कामों की वजह से भगवान मानने लगे थे। उसी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आने वाले समय में भगवान राम और कृष्ण की तरह मानने लगेंगे। इसके बाद तीरथ सिंह ने लड़कियों की फटी जींस पर भी विवादित बयान दिया था जिसके बाद उन्हें माफी भी मांगनी पड़ी थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने भारत को अमेरिका का 200 वर्ष गुलाम तक बोल डाला था। इन बयान से मुख्यमंत्री की बहुत किरकिरी हुई थी। फिर भी नहीं रुके उन्होंने लॉकडाउन के दौरान मिलने वाले राशन को लेकर भी अजीब सा बयान दिया। उन्होंने कहा था कि जैसा चावल और राशन बीजेपी सरकारों ने दिया उतना अच्छा राशन कभी जनता ने खाया नहीं होगा। इस बयान पर भी उनकी खूब किरकिरी हुई थी। उन्होंने आगे कहा था कि कम राशन मिलने वालों को जलने की बजाय ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिये थे, ताकि उन परिवारों को भी ज्यादा राशन कोविड काल के दौरान मिल जाता।
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