उत्तराखंड
चिंताजनक: उत्तराखंड में कोरोना मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत दर से ज्यादा, युवाओं के लिए घातक कोरोना की दूसरी लहर..
उत्तराखंड: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते देश एक बार फिर मुश्किल दौर से गुजर रहा है। देश में कोरोना संक्रमण अब बड़े खतरे की तरफ इशारा कर रहा है, दिन प्रति दिन हालात बिगड़ते जा रहे हैं। साथ ही उत्तराखंड में जिस तरह संक्रमण और मृत्यु दर की रफ्तार बढ़ रही है, उससे सभी चिंतित व परेशान हैं। इस महामारी से प्रदेश में कोई भी जनपद अछूता नहीं रहा क्या मैदानी क्षेत्र क्या पहाड़ी क्षेत्र, सभी जगह कोरोना ने अपना फन फैला रखा है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार लगातार हालात सुधारने के लिए अपनी कोशिशें कर रही हैं। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण बेकाबू होने के साथ ही संक्रमितों की मौत के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
आपको बता दें कि वर्तमान में उत्तराखंड में कोरोना मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत दर से भी ज्यादा है। संक्रमण के साथ मरीजों की मौतें रोकना सरकार के सामने बड़ी चुनौती बनती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई रणनीतियां अपनाई जा रही हैं, इसके बावजूद संक्रमितों की मौत के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की मृत्यु दर 1.41 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर मृत्यु दर 1.13 प्रतिशत है। प्रदेश में पांच दिनों के भीतर 250 कोरोना मरीजों ने दम तोड़ा है। जो इस छोटे प्रदेश के लिहाज से काफी ज्यादा है। जो सरकार प्रशासन सहित स्वास्थ्य महकमे के लिए चिंताजनक बात है।
आपको बता दें कि देश की आबादी में उत्तराखंड का हिस्सा करीब एक प्रतिशत है। लेकिन पिछले पांच दिनों में प्रदेश में हुईं मौतों के आधार पर मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से दोगुनी हो गई है। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर बुजुर्गों के साथ ही युवाओं पर भी कहर बरपा रही है। अप्रैल के महीने में अभी तक 408 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें से 190 के करीब मृतक पचास साल से कम उम्र के हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अभी तक हुई मौतों में चालीस प्रतिशत के करीब युवा वर्ग के मरीज हैं। इससे समझा जा सकता है कि युवाओं पर भी वायरस का बहुत ज्यादा असर हो रहा है। सरकार की ओर से कराए जा रहे डेथ ऑडिट में यह सच्चाई सामने आई है। पिछले साल पहली लहर के दौरान मौत का आंकड़ा काफी कम था। लेकिन दूसरी लहर में बड़ी संख्या में मरीजों की मौत हो रही है। मरीजों की मौत का आंकड़ा सबसे ज्यादा पिछले एक सप्ताह के दौरान रहा है जब बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है।
वहीं आईसीयू, वेंटीलेटर की कमी भी मौत का कारण बनती जा रही है। राज्य के देहरादून, हरिद्वार और नैनीताल जिले में संक्रमण के अधिकांश मामले हैं। इससे देहरादून और हल्द्वानी के अस्पतालों पर भारी दबाव है। गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ने की वजह से आईसीयू और वेंटीलेटर की डिमांड बहुत अधिक बढ़ गई है। देहरादून में मरीजों को आईसीयू, वेंटीलेटर और ऑक्सीजन सपोर्टड बेड समय पर नहीं मिल पा रहे हैं, जिससे बड़ी संख्या में मरीजों की मौत हो रही है। अभी तक अच्छी खबर यह है कि राज्य में टीकाकरण कराने वाले किसी भी संक्रमित की अभी तक मौत नहीं हुई है। इसके अलावा जिन लोगों ने टीका लगाया है उनमें संक्रमण की दर भी काफी कम है और ऐसे लोग कम ही संक्रमित हो रहे हैं।
उत्तराखंड टुडे आप सभी से यही अपील करता है कि सुरक्षित रहे स्वस्थ रहे। आपको हम हमेशा से ही इसके बचाव के लिए जानकारी देते रहे है। और सरकार और प्रशासन लगातार आपको सचेत रहने की अपील कर रहा हैं। हम सभी को गाईडलाइन को पूर्ण रूप से अपनाने की जरूरत है। कोरोना महामारी को हम तभी जड़ से खत्म कर सकते हैं जब हम सावधानी बरतें। किंतु यह अभियान तभी सफल हो पाएगा, जब इसमें अधिक से अधिक जनसहभागिता मिलेगी। यानि कि आम जन अपनी-अपनी जिम्मेदारी का पूर्ण करते हुए कोरोना गाइडलाइन का अनिवार्य रूप से पालन करें तो स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सकता है। ऐसे में उत्तराखंड टुडे आप सभी से अपील करता है कि प्रत्येक नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझें और दो गज दूरी, मास्क है जरूरी के फार्मूले को अपनाने में कोई लापरवाही न बरते। ज्यादा भीड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें, बेबजह घरों से बाहर न निकले। अपने व अपने परिवार का ख्याल रखें।
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