देहरादून
फैसला: उत्तराखंड सरकार ने चार धाम यात्रा की स्थगित, पर तय समय पर खुलेंगे धामों के कपाट..
देहरादून: देश प्रदेश में कोरोना संक्रणम के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कोरोना की स्थिति को देखते हुए राज्य में चारधाम यात्रा को स्थगित करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही कपाट अपने नियमित समय पर ही खुलेंगे। लेकिन चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धलुओं पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चारधाम यात्रा को स्थगित करने का फैसला लिया है हालांकि मंदिरों के कपाट अपने तय समय पर ही खोले जाएंगे। आपको बता दें कि मई महीने में गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने हैं। इसलिए चारधाम यात्रा को लेकर बीते रोज मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बैठक बुलाई थी जिसमें पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी मौजूद रहे। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलाें को देखते हुए 2021 में चारधाम यात्रा को स्थगित करने का फैसला लिया गया।
आपको बता दें कि मंदिरों में पूर्जा-अर्चना तो होगी लेकिन किसी भी श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति नहीं होगी। गौरतलब है कि हेमकुंड साहिब की धार्मिक यात्रा पहले ही स्थगित हो चुकी है। उत्तराखंड के चारों धामों के कपाट खोलने की तिथि पहले ही घोषित हो चुकी हैं। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को खुलेंगे। वहीं विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई को खोले जाएंगे। साथ ही विश्वप्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट इस साल 18 मई को खुलेंगे और यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई को खोले जाएंगे। गुरुवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में संबंधित अधिकारियों से भी उनका मत जाना गया। जिसके बाद पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी चारधाम यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री रावत को अवगत कराया कि चारधाम यात्रा का आयोजन कोरोना महामारी में करना आसान नहीं होगा।
जिसके बाद मुख्यमंत्री रावत ने निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाए। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मीडिया को बैठक के बाद जानकारी देते हुए कहा कि चारों धाम के कपाट अपने तय समय पर खुलेंगे, लेकिन केवल पुजारी और पुरोहित ही धामों में पूजा अर्चना करेंगे। यात्रियों को वहां जाने की अनुमति नहीं होगी। आपको बता दें कि बीते सालों में चारधाम यात्रा के दौरान होटल ढाबों को सजाने संवारने का कार्य चलता था, लेकिन इस बार यात्रा के लिए हुई एडवांस बुकिंग रद्द होने से यात्रा कारोबारी मायूस हैं। साथ ही यात्रा पर टिकी आजीविका चौपट होने से इससे जुड़े लोग भविष्य को लेकर आशंकित हैं। बीते सालों को याद करें तो चारों धामों के साथ ही यात्रा पड़ावों पर खासी रौनक रहती थी।
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