उत्तराखंड
आदेश: ट्यूशन फीस के अलावा फीस में चालाकी दिखाई तो ऐसे स्कूलों होगी खिंचाई…
देहरादून: प्रदेश समेत देश में कोरोना की लहर जारी है, जिसके कारण स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है। दूसरी ओर अब फिर से निजी स्कूलों में मनमानी तौर पर फीस वसूली के मामले सामने आ रहें हैं। कई स्कूल स्पोर्टस, कंप्यूटर एक्टिविटी को जोड़कर फीस वसूली कर रहें हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि शुक्रवार को डीजी-शिक्षा विनय शंकर पांडे ने सभी सीईओ को स्कूलों के फीस ढांचे की जांच करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि स्कूलों ने ट़्यूशन फीस में स्पोर्टस, कप्यूटर, लाइब्रेरी आदि के शुल्क को शामिल करते हुए ट़यूशन फीस को काफी बढ़ा दिया है। जबकि ट्यूशन फीस में केवल शिक्षण शुल्क ही लिया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार हाल में कुछ अभिभावकों ने इस बाबत शिक्षा विभाग से शिकायतें की है। शैक्षिक सत्र शुरू होने के बाद दोबारा स्कूल बंद होने पर भी स्कूल बढ़ी फीस के लिए दबाव बना रहे हैं।
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वहीं अगर नियम की बात करें तो स्कूल बंद रहने पर ऑनलाइन पढ़ाई कराने वाले स्कूल केवल ट्युशन फीस ले सकते हैं। ट्युशन फीस की अलावा और कुछ नही। वहीं अगर किसी अभिभावक के पास फीस नही समय पर नही होती है कि तो भी उसको समय दिया जाएगा। और अगर अभिभावक नही दे पा रहें हैं तो छात्र को स्कूल से नहीं निकाला जाएगा। नाही ही परेशान किया जाएगा। हां अगर अभिभावक सरकारी, अर्द्धसरकारी कर्मचारी हैं नियमित सैलरी मिल रही है तो ऐसी अभिभावकों को नियमित रूप से स्कूल की फीस देनी होगी।
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