उत्तराखंड
गज़ब: ये है डिपार्टमेन्ट का असली खेल, अपनों पर सितम, बदल दिए नियम, पढ़िए…

कहा जाता है कि सच्चाई हो तो बिल्कुल पानी जैसी, जिसमें आर-पार सब आसानी से नजर आ जाए, लेकिन उत्तराखंड के शिक्षा विभाग का गजब कारनामा सामने आया है। यहां आलम यह है कि चहेतों के लिए ही नियम बदल दिए गए है। चहेतों को नियुक्ति देने के लिए शिक्षा विभाग ने ऐसा हथकंड़ा अपनाया जिसमें अब वह खुद फंसता नजर आ रहा है। विभाग द्वारा देहरादून में एक ऐसे पद पर नियुक्ति दी गई है जो पद मौजूद ही नहीं है। मामले का खुलासा विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति से हुआ है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने देहरादून स्थित सेंट एगनेस इंटर कालेज में एक ऐसे पद पर नियुक्ति कर दी, जो पद उत्तराखंड शिक्षा अधिनियम 2009 में परिभाषित ही नहीं है। दरअसल दिनांक 27-4-16 को मेनेजमेंट सेंट एगनेश इंटर कालेज देहरादून द्वारा विज्ञप्ति प्रकाशित की गई जिसमें एक सहायक अध्यापिका कला, एक सहायक अध्यापिका गणित, एक सहायक अध्यापिका विज्ञान के लिए आवेदन पत्र मांगे गए। लेकिन अपने चहेतो को लाभ पहुंचाने के लिए विज्ञप्ति में संशोधन किया गया। और पहले वाली विज्ञप्ति को गलत बताया गया। जिसके बाद दिनांक 6-5-16 को संशोधित विज्ञप्ति जारी की गई जिसमें पूर्व में प्रकाशित विज्ञप्ति में संशोधन किया गया कि त्रुटिवश सहायक अध्यापिका विज्ञान प्रकाशित हो गया था के स्थान पर विज्ञान / गणित पढ़ा जाय।
अब आपको बता दें कि उत्तराखंड शिक्षा अधिनियम मे विज्ञान / गणित विषय का कोई पद परिभाषित नहीं है। गणित के लिए पी सी एम व विज्ञान के लिए सी बी जैड विषयों के साथ स्नातक व बी एड होना आवश्यक है । लेकिन इसके बावजूद मेनेजमेंट सेंट एगनेश इंटर कालेज देहरादून द्वारा मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून के पत्र के साथ जालसाजी की गई और सुमन कुमारी की नियुक्ति कर दी गई ।
मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून ने दिनांक 19 मार्च 2015 में जिस पत्र में रिक्त पदों को प्रकाशित करने की अनुमति दी थी। उसके पेज नंबर दो पर मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून के दिनांक 19-02-16 के हस्ताक्षर दिखाते हुए विज्ञान विषय को विज्ञान / गणित विषय में संशोधित कर नियुक्ति दी गई। सुमन कुमारी की नियुक्ति कर दी गई । बताया जा रहा है कि सुमन कुमारी बी एस सी व एम एस सी गणित विषय से है। विज्ञान विषय हेतु सुमन कुमारी क्वालिफाइड ही नहीं है। अब सवाल ये उठता है कि गणित विषय की अध्यापिका विज्ञान के बच्चों को कैसे और क्या पढ़ा रही होंगी। विभाग ने तो अपने चहेतों के लिए बच्चों के साथ खिलवाड़ कर दिया है। लेकिन विभाग की कारस्तानी की सजा बच्चे क्यो भुगते।

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