देहरादून
साइबर अपराधियों ने पूर्व मुख्य सचिव को लगाया लाखो का चूना, ऐसे दिया ठगी को अंजाम…
देहरादून: उत्तराखंड का नाम साइबर क्राइम के मामलों में पहले नम्बर में आता है। साइबर अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि अब मुख्य सचिव को भी इन्होंने अपना शिकार बना लिया है। अपराधियों ने पूर्व मुख्य सचिव से मोबाइल के सिमकार्ड की केवाइसी अपडेट करवाने के नाम पर ये ठगी की है। बताया जा रहा है कि ठगों ने केवाईसी के नाम पर साढ़े छः लाख रुपए की चपत लगा दी। मामले में राजपुर थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पूर्व मुख्य सचिव मधुकर गुप्ता के मोबाइल नम्बर पर 20 सितंबर को एक मैसेज आया था। इसमें 24 घंटे के भीतर केवाईसी अपडेट नहीं कराने पर सिमकार्ड ब्लाक करने की जानकारी दी गई। मैसेज में एक मोबाइल नंबर भी था, जिस पर सर्विस जारी रखने के लिए संपर्क करने को कहा गया था। लेकिन मुख्य सचिव की तबीयत खराब होने और ऐसे में सिम बंद होने की स्थिति में असुविधा से बचने के लिए पूर्व मुख्य सचिव ने मैसेज में दिए गए फोन नंबर पर काल कर दिया। काल रिसीव करने वाले शख्स ने खुद को एयरटेल कंपनी का कर्मचारी बताते हुए कहा कि केवाईसी अपडेट करने के लिए सत्यापन करना होगा। इसके लिए एंड्रायड डिवाइस की जरूरत होगी। पूर्व मुख्य सचिव एंड्रायड मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं करते हैं, ऐसे में उन्होंने आरोपित को पत्नी का मोबाइल नंबर दे दिया। उस पर आरोपित ने एक लिंक भेजा और उसके जरिये उनके मोबाइल में क्विक सपोर्ट एप डाउनलोड करवाया।
मुख्य सचिव की पत्नी मृगांका गुप्ता ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उनका एसबीआइ की जाखन स्थित शाखा में संयुक्त खाता है। ठग ने पूर्व मुख्य सचिव से रिचार्ज क्यूब के माध्यम से प्रारंभिक फीस के नाम पर अपने खाते में आनलाइन दस रुपये मंगवाए। फीस जमा करने के बाद उसने पूर्व मुख्य सचिव से उनके डेबिट कार्ड व इंटरनेट बैंकिंग की गोपनीय जानकारी फोन पर टाइप कर उसकी फोटो खींचकर भेजने को कहा। इसके साथ ही उसने यह भी कहा कि इसके बाद उन्हें मोबाइल पर कुछ संदेश प्राप्त होंगे, उनका भी फोटो खींचकर भेज दें। थोड़ी देर ओटीपी का मैसेज आया। पूर्व मुख्य सचिव ने मैसेज का फोटो भेजने से इन्कार किया तो उसने उन्हें आश्वस्त किया कि दस रुपये के अलावा उनके खाते से कोई धनराशि नहीं कटेगी। इसके साथ ही केवाईसी अपडेट हो जाएगी। ओटीपी व अन्य जानकारियों का फोटो खींचकर भेजने के बाद पूर्व मुख्य सचिव के खाते से चार बार में उसने पौने छह लाख रुपये निकाल लिए । मामले में पुलिस जांच में जुट गई है।
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