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Big Breaking: अब दुर्गा पूजा में की इन नियमों की अनदेखी, तो भरना पड़ेगा 50 हज़ार रुपए जुर्माना…
हरिद्वार: अगर आप गंगा में मूर्ति विसर्जन करने का सोच रहे हैं तो आप आपको फजीहत झेलनी पड़ सकती है। क्योंकि सरकार ने गंगा के घाटों पर मूर्तियों के विसर्जन को लेकर कड़े निर्देश दिए हैं। गंगा में मूर्ति विसर्जन को लेकर निर्देश इतने कड़े हैं कि उसका उल्लंघन करने पर 50 हजार तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। एनजीटी ने पर्यावरण की दृष्टि से गंगा समेत अन्य नदियों में मूर्ति विसर्जन आदि पर रोक लगाई है। गंगा और उसकी सहायक नदियों में मूर्तियों के विसर्जन को रोकने के लिए घाटों की तारबंदी से लेकर 50 हजार के जुर्माने को सख्ती से लागू किया जाएगा। गंगा में मूर्ति विसर्जन पर रोक दुर्गा पूजा, दिवाली, छठ से लेकर सरस्वती पूजा में भी जारी रहेगी। एनजीटी के आदेश पर नगर निगम ने यह फैसला लिया है।
दरअसल पर्यावरण सुरक्षा कानून 1986 के एक्ट 5 के अंतर्गत विसर्जन को लेकर निर्देश दिया गया है कि गंगा के घाटों और उसकी सहायक नदियों की घाटों पर मूर्ति विसर्जन करने पर 50 हजार का जुर्माना देना होगा। केंद्र सरकार ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वो घाटों की घेरेबंदी करवाए ताकि किसी भी मूर्ति का विसर्जन नहीं हो। विसर्जन स्थल बनवाएं जाएं और लोगों को उसके बारे में जानकारी दी जाए। मूर्ति विर्सजन के लिए कृत्रिम तौर पर छोटे तालाब या पोखर बनवाए जाएं। इन तालाबों या पोखरों की सतह पर सिंथेटिक लाइनर्स लगवाएं जाएं ताकि मूर्ति के खतरनाक तत्व धरती में न समा पाएं।
आदेश पर कार्रवाई करते हुए हरिद्वार में भी नगर निगम ने तीन स्थान चिह्नित कर कुंड तैयार किए हैं। अब इन्हीं कुंडों में मूर्तियों का विसर्जन करना होगा। गणेश चतुर्थी के अलावा नव दुर्गा महोत्सव के मौके पर गंगा में बड़े पैमाने पर मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है। ईबैरागी कैंप और कनखल के साथ वीआईपी घाट के समीप मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था की गई है। इन स्थानों के अलावा अन्य जगहों पर विसर्जन नहीं कर पाएंगे। अगर कोई व्यक्ति इन स्थानों को छोड़कर गंगा में मूर्ति विसर्जित करता हुआ मिला तो उसके खिलाफ नेशनल ग्रीन टिब्यूनल के आदेश के तहत कार्रवाई करते हुए 50,000 रुपये का पर्यावरण शुल्क लगाया जाएगा। साथ ही वैधानिक कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। मूर्ति विसर्जन के लिए स्थान चिह्नित किए गए हैं। इन्हीं स्थानों पर विसर्जन की व्यवस्था है। अन्य स्थानों पर विसर्जन करने पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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