उत्तराखंड
आपदा: बारिश और भूस्खलन ने कुमाऊं में मचाई तबाही, 25 की मौत, मुख्यमंत्री धामी ने संभाला मोर्चा…
नैनिताल: उत्तराखंड में तीन दिन से बारिश, भूस्खलन से बुरा हाल है। राज्य के कई जिलों में हालात बद से बदतर हो गए हैं। उत्तराखंड के कई शहरों में लगातार बारिश, बादल फटने और अचानक आई बाढ़ की वजह से तबाही मची हुई है। कई रास्ते बंद है, आवाजाही पर सरकार ने रोक लगा दी है। मंगलवार को कुमाऊं मंडल में बारिश और भूस्खलन से हालात बिगड़ गए हैं। जिससे जानमाल के साथ भारी नुकसान हुआ है। राहत बचाव कार्य जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, स्वास्थ्य मंत्री धनसिंह रावत और प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार मौके पर डटे हुए हैं। ‘अल्मोड़ा, नैनीताल, रामनगर, हल्द्वानी, मुक्तेश्वर, काठगोदाम रुद्रपुर समेत आसपास के क्षेत्रों में सड़कों पर पानी ही पानी नजर आ रहा है’। सबसे बुरा हाल नैनीताल में है। यहां स्थित झील से पानी सड़कों पर बह रहा है। कई घरों में पानी घुस गया है। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि रामनगर-रानीखेत मार्ग स्थित लेमन ट्री रिसॉर्ट में फंसे करीब 200 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। लगातार बारिश से अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा मौत नैनीताल जिले में हुई है। कोसी नदी में पानी बढ़ने से रामनगर के गर्जिया मंदिर को खतरा पैदा हो गया। पानी मंदिर की सीढ़ियों तक पहुंच गया है।
वहीं बैराज के सभी फाटक खोल दिए गए हैं। कोसी बैराज पर कोसी नदी का जलस्तर 139000 क्यूसेक है। जो खतरे के निशान से काफी ऊपर है। कोसी बैराज में खतरे का निशान 80000 क्यूसेक है। नैनीताल में भारी बारिश से कई जगह पानी भर गया है। वहीं, तल्लीताल चौराहे में दरार पड़ गई। सूचना मिलते ही एसडीएम और सीओ मौके पर पहुंच गए। कैंट रोड में पानी का बहाव बहुत तेज होने के कारण दुकानों के अंदर फंसे लोगों को सेना के जवानों ने रेस्क्यू कर निकाला। मंगलवार सुबह नैनीताल जिले के रामगढ़ में धारी तहसील में दोषापानी और तिशापानी में बादल फट गया। डीएम धीराज गर्ब्याल ने बताया कि नैनीताल की ओर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है। झील किनारे रह रहे सभी लोगों को अलर्ट किया गया है। संबंधित अधिकारी राहत कार्य में जुटे हैं। शहर के तीनों मार्गों को खुलवाने के लिए जेसीबी भेजी गई है। नैनीताल के रामनगर में आर्मी के हेलिकॉप्टर की मदद से सुंदरखाल गांव में फंसे दो दर्जन से ज्यादा ग्रामीणों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। ग्रामीण पिछले 48 घंटों से नदी के बीचों बीच फंसे हुए थे। सभी गांव वालों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया । उन्होंने कहा कि कई जगहों पर घर, पुल टूटे हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारी बारिश से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। बाद में उन्होंने रुद्रप्रयाग पहुंचकर नुकसान के आकलन की समीक्षा भी की। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उन्होंने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को उत्तराखंड के ताजा हालातों के बारे में जानकारी दे दी है। धामी ने कहा कि सभी लोगों से अनुरोध है कि इस स्थिति में धैर्य बनाकर रखें। हम हर संभव मदद करने के लिए तैयार हैं। दूसरी ओर उधम सिंह नगर में भारी बारिश के कारण जलस्तर में बढ़ोतरी के चलते नानक सागर बांध के सभी गेट खोल दिए गए हैं। भारी बारिश को देखते हुए कई ट्रेनें रद कर दी गई है।
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