उत्तराखंड
जल, जंगल, जमीन को लेकर पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा ने जताई चिंता
देहरादून। पर्यावरणविद् सुंदर लाल बहुगुणा ने कहा कि महात्मा गांधी और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लेने के लिए कलम को अपना मुख्य हथियार बनाया था। अखबार ऐसा माध्यम है जो समाज को जागृत करने में अहम भूमिका का निर्वाह करता है। आज के दौर में समस्या अनेक हैं, लेकिन उन्हें सही माध्यम से प्रस्तुत नहीं किया जाता।
जल, जंगल और जमीन को आज की सबसे बड़ी चिंता बताते हुए उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को इसके लिए मिशन बनाकर आगे आना होगा। यहां अपने आवास शास्त्रीनगर में टिहरी से प्रकाशित साप्ताहिक समाचार पत्र सुरकंडा टाइम्स के रजत जयंती विशेषांक के विमोचन अवसर पर उन्होंने कहा कि पत्रकारिता को लोग पहले मिशन के रूप में लेते थे और इसके माध्यम से न केवल आजादी की लड़ाई के नायकों ने अंग्रेजी हुकूमत को झुकाया अपितु उसके बाद समाज को जागृत किया। सामाजिक बुराइयों, भ्रष्टाचार और छुआछूत को अखबार के माध्यम से दूर किया गया और इसके बाद इनके लिए ठोस नियम, कानून और योजनाओं का खाका तैयार हुआ। आज के दौर में पत्रकारिता मिशन के साथ ही आजीविका का माध्यम भी बन गई है। इसके बावजूद समाज के प्रति उसका दायित्व जिम्मेदारी वाला है।
इस अवसर पर उन्होंने जल, जंगल, जमीन के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह एक चुनौती है, जिससे पार पाने के लिए पूरा विश्व चिन्हित है। हमें मौजूदा समय के लिए ही नहीं, बल्कि भावी पीढ़ी के भविष्य को देखते हुए ठोस काम करना होगा। युवा पत्राकारों के लिए यह मिशन के रूप में अपनाया जाना चाहिए।
इस अवसर पर चिपको आंदोलन की अग्रणीय उनकी पत्नी विमला बहुगुणा, पत्रकार प्रदीप बहुगुणा, कुसुमलता बडोनी, पत्रकार इंद्रभूषण बडोनी, शिक्षक कैलाश मैठाणी, रेवत सिंह, राकेश बडोनी, उत्सव नैथानी, विधन, सिद्धांत बडोनी आदि उपस्थित थे।
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