देहरादून
Big News: उत्तराखंड में टूटेंगी कई अवैध बस्तियां, शुरू हो गया है इस मिशन पर काम, जानिए प्लान…
देहरादून: उत्तराखंड में भी इन दिनों यूपी की तर्ज पर बुल्डोजर चल रहा है। हल्द्वानी में पांच हजार करीब घरों पर बुल्डोजर चल रहा है तो वहीं अब एक और बड़ी खबर आ रही है। शासन जल्द ही कई और अवैध बस्तियों को तोड़ सकता है इसकी वजह है लापता तालाबों की खोज। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार राज्य में अनेक तालाब, पोखर लापता हो गए हैं। अकेले उधम सिंह नगर में ही 500 से अधिक तालाब खोजने से भी नहीं मिल रहे हैं। जिनकी खोज में अब राज्य और केंद्र सरकार मिलकर काम रही हैं। सरकारी दस्तावेजों का खंगाला जा रहा हैं। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट तैयार होने के बाद सरकार तालाबों पर हुए अवैध निर्माण तोड़ देगी।
मीडिया रिपोर्टस की माने तो राज्य में किसी जमाने में 3000 छोटे-बड़े तालाब हुआ करते थे। लेकिन अब सब गायब हो चुके है। सबसे अधिक तालाब हरिद्वार और उधम सिंह नगर में थे। जहां पर समय के साथ कंक्रीट के जंगल खड़े हुए हैं। इन तालाबों के आसपास पहले तो छोटे-मोटे रिहायशी इलाके बने। उसके बाद यहां बस्तियां बन गईं। जिसके कारण तालाब यहां से गायब हो गये। ऐसे में अब उत्तराखंड में भी लापता तालाबों की खोज शुरू हो गई है। केंद्र सरकार के भू जल संरक्षण के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने भी इसके लिए कवायद तेज कर दी है। राज्य सरकार एक बड़े अभियान के साथ उन तमाम अतिक्रमणों पर बुलडोजर चलाने जा रही है, जहां कभी तालाब हुआ करते थे।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार चाहती है कि तालाबों के ऊपर हुए अतिक्रमण को राज्य सरकारें मुक्त कराएं. इन तालाबों को फिर से पुनर्जीवित किया जाये। अब राज्य सरकार इन दोनों जनपदों में पुराने तालाबों की खोजबीन में जुट गई है। इसके लिए दोनों ही जिलों के जिलाधिकारियों को रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है।इस रिपोर्ट में तालाबों की पुरानी स्थिति, अतिक्रमण से संबंधित पूरी जानकारी होगी।मामले में सतपाल महाराज कहते हैं कि इसमें थोड़ा समय जरूर लगेगा, लेकिन इसके परिणाम आने वाले सालों में बेहद अच्छे होंगे। उन्होंने कहा है कि कई जगहों पर भूमाफिया ने तालाबों पर बस्तियों को बसाने या कब्जा करने का काम किया है, वहां भी कार्रवाई की जाएगी।
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