उत्तराखंड
Uttarakhand News: राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए भेजे गए प्रदेश के इन होनहारों के नाम, किए थे ये काम…
Uttarakhand News: राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए उत्तराखंड से इस बार तीन बच्चों के नाम भारतीय बाल कल्याण परिषद नई दिल्ली को भेजे गए हैं। इसमें दो बच्चे पौड़ी तो एक रुद्रप्रयाग का हैं। इनमें से चयनित बच्चों को देशभर से चुने गए अन्य बच्चों के साथ 26 जनवरी को सम्मानित किया जाएगा। इन बच्चों ने अपनी बहादुरी और कारनामें से हर किसी को हैरान कर दिया था। जिसके बाद इनका नाम राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए भेजा गया है।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड से रुद्रप्रयाग जिले के नितिन, पौड़ी गढ़वाल के आयुष ध्यानी एवं अमन सुंद्रियाल का नाम राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए भेजा गया है। बता दें कि रुद्रप्रयाग के विकासखंड अगस्त्यमुनि के तमिंड गांव (Block Agastyamuni Tamind Village) के नितिन रावत ने अपनी जान जोखिम में डाल कर गुलदार से अपने भाई की जान बचाई थी। गुलदार के मुंह से जिस तरह उन्होंने अपनी और अपने भाई के प्राण बचाए, उनके इस साहस के लिए उनका नाम राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार (National Bravery Award) के लिए भेजा गया है।
वहीं पौड़ी जिले के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डुंगरी नैनीडांडा के 9वीं कक्षा के छात्र आयुष ध्यानी और अमन सुंद्रियाल ने स्कूल की प्रधानाध्यापिका के साथ जंगल में लगी आग बुझाकर स्कूल को सुरक्षित बचाया था। इन बच्चों ने अपनी प्रधानाध्यापिका मीना को जंगल की आग बुझाते देख आयुष और अमन अपनी जान की परवाह किए बगैर आग बुझाने में जुट गए। जान जोखिम में डालकर स्कूल को बचाने के लिए इन दोनों बच्चों का नाम भेजा गया है। इन तीनों बच्चों में किसे वीरता पुरस्कार मिलेगा इसका चयन भारतीय बाल कल्याण परिषद नई दिल्ली की ओर से किया जाएगा।
गौरतलब है कि भारतीय बाल कल्याण परिषद की ओर से चयन करने के बाद अदम्य साहस के लिए जनवरी में दिल्ली में पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। भारतीय बाल कल्याण परिषद, नई दिल्ली हर साल देशभर से वीर बालक-बालिकाओं को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार देने के लिए आवेदन मांगती है। पुरस्कार के लिए चयनित होने वाले बच्चों को परिषद की ओर से विभिन्न वर्गों में प्रशस्ति पत्र व नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
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