टिहरी गढ़वाल
BREAKING: टिहरीवासियों के लिए खुशखबरी, पानी के बिल होंगे माफ, बनी सहमती, पढ़ें…
टिहरी वासियों के लिए खुशखबरी है। बताया जा रहा है कि नई टिहरी शहर में विस्थापितों और गैर विस्थापितों के पानी के बिलों के विवाद का निस्तारण हो गया है। इन बिलाें को माफ करने, छूट दिये जाने को सहमति मिल गई है। बताया जा रहा है कि जल संस्थान के उच्चाधिकारियों के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर भी हुए है। जिससे अब क्षेत्रवासियों को राहत मिल सकेगी।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार टिहरी में घरेलू उपभोक्ताओं मूल विस्थापित परिवारों 2018 से 2023 तक जल मूल्य व सीवर सीट शुल्क माफ करने पर सहमति बनी है। लगातार विभिन्न संगठन लगातार बिलाें को माफ करने, छूट दिये जाने को लेकर मांग कर रहे थे। इन्ही मांगों को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश नौटियाल के नेतृत्व में भाजपा पदाधिकारियों ने सीएम पुष्कर धामी से देहरादून में मुलाकात की। इसमें मुख्यमंत्री धामी ने बिलों को माफ करने व छूट दिये जाने पर सहमति जताई है।
बताया जा रहा है कि 2018 तक के जल मूल्य व सीवर सीट शुल्क भी माफ किया जायेगा। अघरेलू उपभोक्ता जो मूल विस्थापित नहीं है, को 2018 तक के जल मूल्य व सीवर में शुल्क का माफ किया जायेगा। जबकि 2018 से 2023 तक विलंब शुल्क माफ करते हुए शेष बिल राशि का तीन किश्तों में भुगतान सुनिश्चित करना होगा। अप्रैल 2023 से सभी उपभोक्ताओं को नीती के अनुसार बिल नियमित जमा करने होंगे।
बताया जा रहा है कि नई टिहरी शहर वासियों एवं टिहरी विस्थापितों की कई वर्षों से जलकर एवं सीवर कर की बकाए बिल भुगतान माफ करने की मांग को स्वीकार करते हुए सचिव सिंचाई नितेषा झा की अध्यक्षता में भाजपा शिष्टमंडल के साथ बैठक की गई शहर वासियों के वर्षों से लंबित सभी बकाया बिलों को माफ करने पर सहमति बनी है। जिसके तहत जिले में जो मूल विस्थापित घरेलू उपभोक्ता नहीं हैं, विलंब शुल्क माफ करते हुए बिल की राशि तीन किश्तों में में जमा करनी होगी। अघरेलू उपभोक्ता जो मूल विस्थापित हैं, को घरेलू पद पर बिल का भुगतान करना होगा, जिसमें विलंब शुल्क माफ होगा।
राजेश नौटियाल ने बताया कि सीएम धामी ने पानी के बिलों की सहमति पर जल्दी ही जीओ जारी करने का भरोसा भी दिया है। जीओ जारी होते ही नई टिहरी शहर की पानी के बिलों के विवाद का पटाक्षेप हो जायेगा। साथ ही जिन स्थानीय लोगों व व्यवसाइयों की बिलों को लेकर आरसी जारी की गई है। उन्हें विभाग रोकने का काम करेगा। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जायेगा। जो बिलों को लेकर नीति बनायेगी। बताया जा रहा है की अतिरिक्त भूमि मामले में अगले महीने सीएम से फिर शिष्ठ मंडल मुलाकात करेगा।
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