उत्तराखंड
Uttarakhand News: अब नक्शा पास कराने के लिए नहीं काटने पड़ेगे चक्कर, शुरू हुई नई प्रक्रिया, जानें…
Uttarakhand News: उत्तराखंड में अब उद्योगों के लिए नक्शा पास कराने की प्रक्रिया आसान हो गई है। नक्शा पास कराने के लिए अब चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। प्रदेश में अब महायोजना के तहत आने वाले इंडस्ट्रियल क्षेत्रों में नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होगी। आवास विभाग ने इसका शासनादेश जारी कर दिया है। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने नक्शा पास की प्रक्रिया का सरलीकरण कर दिया। जिससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जारी आदेश में लिखा है कि स्व: प्रमाणन प्रक्रिया के तहत केवल भवन निर्माण एवं विकास उपविधि में वर्णित लो एंड मीडियम रिस्क प्रकार के भवनों का ही आवेदन किया जा सकता है। इसके तहत केवल ग्रीन और व्हाइट पॉल्यूशन प्रकार के भवनों का आवेदन किया जा सकेगा। औद्योगिक इकाई के भवनों की ऊंचाई 12 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके लिए लेबर सेस की राशि श्रम विभाग में जमा कर रसीद प्रस्तुत करनी होगी। आवेदन पत्र जमा होने के सात दिन के भीतर अधिकारियों को मानचित्रों, दस्तावेजों और शुल्कों का मिलान करना होगा।
बताया जा रहा है कि ऐसे उद्योगपतियों को आर्किटेक्ट से तैयार मानचित्र, स्ट्रक्चरल ड्राइंग, स्ट्रक्चरल सेफ्टी सर्टिफिकेट, भूखंड का फोटोग्राफ, पहुंच मार्ग का फोटोग्राफ, भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र, भू-उपयोग प्रमाण पत्र, आवेदक, वास्तुविद एवं स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग का घोषणा पत्र, आवेदक का नोटरी द्वारा सत्यापित शपथ पत्र जमा कराना होगा। इसके साथ ही ऑनलाइन शुल्क जमा कराना होगा। स्व: प्रमाणन के अंतर्गत किए जाने वाले निर्माण कार्यों को मानकों के हिसाब से करने की जिम्मेदारी आवेदनकर्ता की होगी।

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 उत्तराखंड टुडे के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
👉 उत्तराखंड टुडे के फेसबुक पेज़ को लाइक करें
Latest News -
उत्तराखंड में नवचयनित औषधि निरीक्षकों का प्रशिक्षण प्रारंभ, गुणवत्तायुक्त औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर — डॉ. आर. राजेश कुमार
होम स्टे बन रहे हैं लोगों की आजीविका के प्रमुख साधन
चारधाम यात्रा के बेहतर प्रबंधन, वनाग्नि को रोकने और पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए- मुख्यमंत्री
पौड़ी के धुमाकोट में दर्दनाक हादसा, एक व्यक्ति की मौत, एक घायल…
एआई के दौर में भी मानवता को बनाए रखना जरूरी: डीजी सूचना
