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India vs Nepal: भारत की ही खाई, अब भारत से ही नेपाल कर रहा जुदाई
India vs Nepal
देहरादून। अमित रतूड़ी
कई दशकों से भारत और नेपाल की मित्रता और आपसी संबंधों पर नेपाल सेंध लगाने की प्लानिंग कर रहा है। कह सकते हैं कि भारत ने नेपाल से बेटी रोटी का रिश्ता रखा लेकिन नेपाल है कि भारत के ही कुछ गांव को अपने नक्शे पर दर्शाकर उन पर पूर्ण कब्जा करने की प्लानिंग कर रहा है।
जिन गांवों को भारत ने पाल पोशकर बड़ा किया आज नेपाल उन्हीं गांवों को अपने देश में शामिल करने की बात कर रहा है। हालांकि रक्षामंत्री राजनाथ ने आज यह साफ कह दिया है कि भारत नेपाल को ऐसा हरगिश नहीं करने देगा।
दरअसल, नेपाल के काठमांडू से छपने वाले एक अखाबर ने भारत के पिथौरागढ़ जिले के तीन गांव गुंजी, कुटी और नाबी को नेपाल के नक्शे में दर्शाने की बात लिखी है।
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यह समाचार उन्होंने संविधानविद और अंतर्राष्ट्रीय कानून के जानकार पूर्णमान शाक्य के बयानों के हवाले से प्रकाशित की है। कहा है भारत के तीन गांवों के लोग नेपाल की नागरिकता ग्रहण कर सकते हैं।
अखबार में कहा गया है कि पूर्णमान शाक्य ने बताया कि तीन गांवों के ग्रामीणों के अपनी पहचान के लिए भारत के आधार कार्ड होंगे लेकिन वह भूमि जिस पर वह निवास कर रहे हैं वह अब नेपाल के नक्शे में शामिल है।
भारत ने दी थी विशेष सुविधाएं
जिन गांवों को नेपाल अपने नक्शे में दर्शा रहा है वहां छियालेख पोस्ट है जहां से आगे जाने के लिए पास की आवश्यकता होती है। जिसे देने का अधिकार भारत के उपजिलाधिकारी के समकक्ष के अधिकारी दे सकते हैं।
इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का हवाला देते हुए अखबार ने यह भी कहा है कि भारत ने वर्ष 1962 के चीन युद्ध के बाद इस क्षेत्र के नागरिकों को विशेष सुविधाएं दी हैं। यहां से भारत चीन व्यापार भी होता है। इस क्षेत्र के लोगों को आरक्षण देकर तीन गांवों के लोगों को अपने पक्ष में किया हैं।
खाद्यान्न, नौकरी और शिक्षा में विशेष अनुदान दिया जाता है। सभी को अनुसूचित जनजाति का दर्जा भी दिया है। इन गांवों के लोग भारतीय प्रशासन, सेना व अन्य क्षेत्रों में ऊंचे पदों पर कार्यरत हैं।
रक्षामंत्री ने कहा भारत और नेपाल को अलग नहीं किया जा सकता
उतराखंड के जनसंवाद को संबांधित करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लिपुलेख तक की सड़क निर्माण के बाद भारत और नेपाल के बीच जो असमंजस बना हुआ है उसका हल निकल जाएगा। भारत और नेपाल के रिश्ते प्राचीन हैं।
भारत और नेपाल के बीच रोटी और बेटी का रिश्ता है। ऐसे में दोनों देशों के मैत्री संबंधों को समाप्त करना किसी के बस की बात नहीं।
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