उत्तराखंड
प्रवासियों के लिए रोजगार की ‘मौल्यार’, हाकिम ने कहा पलायन पर लगाएंगे ब्रेक
देहरादून। अमित रतूड़ी
सूबे में पहुंचे प्रवासियों के लिए रोजगार की (मौल्यार) यानी रोजगार की बयार आने वाली है। जिसको लेकर सरकार मुख्यमंत्री के निर्देश पर हरकत में आ गई है।
सूबे के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है कि उत्तराखंड पहुंचे प्रवासियों को रोजगार मिलने में किसी भी तरह की दिक्कत नही आनी चाहिए। ऐसा होने से प्रदेश की पलायन रूपी गाड़ी पर ब्रेक लग जायेगा।
मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्राम्य विकास और पलायन आयोग के साथ एक बैठक की, जिसमें गांव से पलायन और प्रवासियों का पूरा डाटा की जानकारी ली गई।
इस मौके पर सीएम ने कहा कि कोरोना काल मे प्रदेशवासियों को रोजगार उपलब्ध कराना इस वक्त की सबसे पड़ी प्राथमिकता है। जिसको लेकर कोई कोताही नही बरती जाएगी।
रोजगार संबंधी लोन लेने में बेरोजगारों को दिक्कतें नही आने दिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि भूमिधारक को लोन लेने में कोई दिक्कत न हो इसलिए भूमिधारक के साथ उसकी पत्नी का नाम भी शामिल किया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में रोजगार हर जरूरतमंद को उपलब्ध कराने का लक्ष्य बनाया गया है। समय समय पर इसकी स्टडी की जाय, संभावनाओ और अधिक से अधिक आमदनी कैसे हो इसको लेकर भी योजनाओं को क्रियान्वित करने होगा।
निर्देशित किया कि जिन गांव में सड़क,पेयजल, बिजली आदि की समस्या अधिक है उन को चिन्हित किया जाय ताकि स्वरोजगार से निर्मित वस्तुओं की पैकेजिंग और मार्केटिंग को बल मिल सके।
इस मौके पर पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ एसएस नेगी ने बताया कि अभीतक सरकार को तीन जिलों की रिपोर्ट दे दी जा चुकी है। जबकि अन्य जिलों की रिपोर्ट जल्द उपलब्ध करवा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लौटे प्रवासियों के लिए रोजगार में कोई समस्या न हो इसको लेकर सरकार के निर्देशों पर कार्य किया जा रहा है।
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