उत्तराखंड
उत्तराखंड में बढ़ी सेवा क्षेत्र में निवेश कि गति, मिलेंगे रोजगार के नए अवसर, इतनी होगी सब्सिडी…
उत्तराखंड के सेवा क्षेत्र नीति से राज्य में सेवा क्षेत्रों में निवेश की गति बढ़ाई गई है। जिसके चलते राज्य का और अच्छे से विकास होगा और साथ ही रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी। बता दें कि सोमवार यानी 11 मार्च 2024 को उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति -2024 को मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति दे दी गई थी। इस नीति के अंतर्गत उत्तराखंड में स्वास्थ्य, वेलनेस, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, स्कूल, कॉलेज, विवि, फिल्म, मनोरंजन, खेल, सूचना प्रौद्योगिकी, डाटा सेंटर के साथ ड्रोन, विनिर्माण, आयुष, इलेक्ट्रॉनिक, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि-बागवानी, हस्तशिल्प में कौशल विकास का प्रशिक्षण आदि संस्थानों में निवेश कर और भी बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा।
मिली जानकारी अनुसार निवेश किए गए कुल पूंजी पर सरकार 25% तक सब्सिडी देगी। निवेश के पांच साल के अंदर निवेश किए गए कुल पूंजी का 25% अर्थात् 100 करोड़ कि राशि कि सब्सिडी होगी। राज्य सरकार ने सेवा क्षेत्र नीति को साल 2030 तक लागू करने कि व्यवस्था किया है। राज्य सरकार ने अनुमान लगाया है कि साल 2030 तक सब्सिडी पर 2500 करोड़ की राशि खर्च होगी और पांच किस्तों में सब्सिडी का भुगतान किया जाएगा।
उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति के अंतर्गत पर्वतीय क्षेत्रों और मैदानी क्षेत्रों में निवेश करने कि सीमा भिन्न-भिन्न है। कुल 10 सेवा क्षेत्रों में निवेश किए जाएंगे।
आइए जानते हैं सेवा के क्षेत्र और उसके अंतर्गत पर्वतीय क्षेत्रों और मैदानी क्षेत्रों में निवेश कि निर्धारित सीमा:-
1- मल्टी सुपर स्पेशियलिटी के क्षेत्र में मैदानी इलाकों में 200 करोड़ और पर्वतीय इलाकों में 50 करोड़।
2- सुपर स्पेशियलिटी के क्षेत्र में मैदानी इलाकों में 50 करोड़ और पर्वतीय इलाकों में 25 करोड़।
3- वेलनेस, योग और आयुष के क्षेत्र में मैदानी इलाकों में 50 करोड़ और पर्वतीय इलाकों में 25 करोड़।
4- स्कूल क्षेत्र में मैदानी इलाकों में 50 करोड़ और पर्वतीय इलाकों में 25 करोड़।
5- कॉलेज और विवि क्षेत्र में मैदानी इलाकों में 100 करोड़ और पर्वतीय इलाकों में 50 करोड़।
6- फिल्म मीडिया क्षेत्र में मैदानी इलाकों में 100 करोड़ और पर्वतीय इलाकों में 50 करोड़।
7- खेल क्षेत्र में मैदानी इलाकों में 25 करोड़ और पर्वतीय इलाकों में 15 करोड़।
8- आईटी क्षेत्र में मैदानी इलाकों में 100 करोड़ और पर्वतीय इलाकों में 50 करोड़।
9- डाटा सेंटर क्षेत्र में मैदानी इलाकों में 100 करोड़ और पर्वतीय इलाकों में 50 करोड़।
10- कौशल विकास क्षेत्र में मैदानी इलाकों में 100 करोड़ और पर्वतीय इलाकों में 50 करोड़।
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