उत्तराखंड
जालसाज: नकली प्रमाण पत्र लगाकर बने गुरुजी, अब होना पड़ा बर्खास्त

देहरादून। जाल साजी कर नकली प्रणाम पत्र लगाकर शिक्षक बनकर सरकारी धन डकारने वाले सात शिक्षक बर्खास्त हो गए हैं। ये लोग फर्जी दस्तावेजों के सहारे कई वर्ष तक शिक्षा विभाग में गुरु जी बनकर फिर रहे थे।
सात के अलावा तीन फर्जी शिक्षकों को अंतिम सुनवाई का मौका दिया गया है। आपको बता दें इनके खिलाफ भी पुख्ता सबूत बटोरे गए हैं।
आरोप है कि उक्त लोगों ने अपने फर्जी बीटीसी प्रमाण पत्र, इंटरमीडिएट और हाईस्कूल के फर्जी प्रमाणपत्र और कुछ मामले में फर्जी जाति प्रमाण के आधार पर शिक्षा विभाग में नौकरी पाली औऱ कई समय से सेवारत भी हैं।
मामले में एसआईटी गठित कर जांच और कड़ी कर दी गई। दोहरी जांच के दायरे में जिले से 32 शिक्षक आए। इसमें से 19 शिक्षक पूर्व में बर्खास्त किए जा चुके हैं।
जबकि जांच के बाद अब सात और शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। इसमें से एक शिक्षक को 30 जून को, चार शिक्षकों को 8 जुलाई और एक शिक्षक को 13 जुलाई और एक शिक्षक को 14 जुलाई को बर्खास्त किया गया है।
कुमाऊँ मंडल के गदरपुर में सबसे ज्यादा नकली टीचर
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाले ऐसे नकली शिक्षक सबसे अधिक सितारगंज के गदरपुर में मिले हैं।
जांच के दायरे में सबसे अधिक 10 शिक्षक गदरपुर ब्लॉक के आए हैं। वहीं सितारगंज ब्लॉक में 8 शिक्षकों पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने के आरोप जांच में पुष्ट हुए।
इसके अलावा जसपुर के 2, बाजुपर के 7, खटीमा के 2, रुद्रपुर के 2 और काशीपुर के 1 मामले में आरोपों की पुष्टि हुई है।
अब तक 25 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। जुलाई से पहले इनमें से 19 मामलों में कार्यवाही हो चुकी है।
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