उत्तराखंड
मुहीम: छोटी कोशिशों से ‘बड़ी’ उम्मीदों को पंख लगाते यह लोग, कुष्ठ रोगियों को मिल रही हर संभव मदद
देहरादून। साथ संवेदनशील और ऊर्जावान हो तो निसंदेह अपनी भूमिका के साथ न्याय ही नहीं करता, बल्कि नयी ‘मिसाल’ भी पेश करता है, और लोकप्रियता भी हासिल करता है। ऐसा ही एक उदाहरण ऋषिनगरी क्षेत्र में देखने को मिला है।
जी हां प्रसिद्ध मिर्गी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आरके गुप्ता की टीम इन दिनों क्षेत्र में कुष्ठ रोग से पीड़ित जिन्हें समाज की भ्रांतियों के चलते अपनों से अलग रहना पड़ रहा है उनके लिए फरिश्ता बनकर काम कर रही है।
आपको बता दें कि इस कोरोना महामारी के समय जब देश और दुनिया के लाखों लोग सड़कों पर भूखे प्यासे तड़प रहे थे तो चौदह बीघा स्थित कुष्ठ कालोनी में भी यह संकट गहराने लगा।
इस टीम ने सिर्फ खाने का बंदोबस्त ही नहीं बल्कि रोगियों के दवाई का भी जिम्मा उठाने का बीड़ा उठा लिया। खास बात यह है कि टीम के प्रत्येक सदस्य ने यह सब गोपनीय स्तर पर किया।
आपको बता दें,कुष्ठ रोग (हैन्सन रोग) भारत में सबसे ज्यादा प्रचलित है, दुनिया में कुष्ठ रोगियों और इसके बारे में कई गलत धारणाओं के साथ जी रहे हैं।
इसके चलते ही रोगी का परिवार कभी-कभी रोगियों को अपने से अलग कर उन्हें वृद्धाश्रम या आश्रमों में भेजते हैं, इसी कड़ी में कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के हिस्से के रूप में, नीरज क्लिनिक टीम ने आर्थिक, शारीरिक, भावनात्मक रूप से हर संभव तरीके से सक्रिय रूप से मदद करने की मुहिम छेड़ी है जो सफलता की ओर भी है।
इस मुहिम में कुष्ठ रोगियों की दुआएं भी इन्हें मिल रही हैं। टीम ऋषिकेश में लगभग 72 कुष्ठ रोगियों को कुष्ठ रोग कॉलोनी में समय-समय पर खाद्य सामग्री, कंबल, बर्तन, दवाएं आदि वितरित करने में मदद कर रही है और आगे भी करती रहेगी।
टीम से संपर्क करने के लिए यहाँ क्लिक करें
http://www.epilepsytreatment.org
मुहीम: छोटी कोशिशों से ‘बड़ी’ उम्मीदों को पंख लगाते यह लोग, कुष्ठ रोगियों को मिल रही हर संभव मदद
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