टिहरी गढ़वाल
लोकतंत्र: महिला सशक्तिकरण देश के विकास में मील का पत्थर होगा साबित, लोकतंत्र दिवस पर विशेष
नरेन्द्रनगर। वाचस्पति रयाल
अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस के मौके पर न्यायविदों का मानना था कि भारतीय संसद ने महिलाओं के उत्थान के लिए प्रयाप्त कानून बनाये हैं।
मगर जब तक सोच व दृष्टिकोण में बदलाव देखने को नहीं मिलते तब तक परिणाम भी उतने उत्साह वर्धक नहीं मिल पा रहे हैं। वेबिनार में हिमगिरी विश्वविद्यालय देहरादून,तहसील विधिक सेवा समिति नरेन्द्रनगर,डीएवी पीजी कालेज देहरादून सहित अन्य विश्वविद्यालयों के कानूनविदों ने वेबिनार में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
तहसील विधिक सेवा समिति नरेन्द्रनगर के अध्यक्ष/सिविल जज़ जू०डीविजन भूपेन्द्र सिंह शाह ने महिलाओं से सम्बंधित विभिन्न कानूनी जानकारियों को सविस्तार बताते हुए कहा कि महिला सशक्तीकरण में देश की न्यायपालिका का बडा़ महत्वपूर्ण योगदान है।
कहा महिला सशक्तिकरण को धरातल पर उतारकर न सिर्फ महिलाएं आगे बढेंगी,बल्कि देश भी तरक्की के मार्ग पर आगे बढ़ता नजर आयेगा।
हिमगिरी विश्वविद्यालय देहरादून के विधि विभाग के हेड आफ द डिपार्टमेंट प्रवीन रवि ने सविस्तार बताते हुए कहा कि देश की महिलाओं के उत्थान के लिए बनाए गये कानूनों को समझने/परखने और उनको फौलो करने की जरूरत है,तो बहुत कुछ बदला-बदला से नजर आने लगेगा।
अधिवक्ता विकास उनियाल ने कहा महिलाओं के लिए बने कानूनों को सख्ती से लागू करने की जरूरत है। उन्होंने कहा एक ओर जहाँ हिन्दू संस्कृति के मुताबिक भारत में “नारी” की पूजा की जाती है।और कहा जाता है:- “यत्र नारी पूजयंते,रमंते तत्र देवता” लिहाजा नारी का अपमान करने वालों को बगैर देर किये कठोरतम दंड देना,समय की मांग है।
वेबिनार में एच जेड यूनिवर्सिटी विधि विभाग के असिस्टेंट प्रो०एस एच थपलियाल,भूपेश कुमार,डीएवी पीजी कालेज देहरादून की पांडेय,नवीन राणा,आदि ने प्रतिभाग किया।
वेबिनार में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने पर हिमगिरी विश्वविद्यालय ने सभी का आभार व्यक्त किया। संचालन सहायक अभियोजन अधिकारी नवीनराणा ने किया।
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