उत्तराखंड
सराहना: मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट, आर्थिकी का बना जरिया, ग्रोथ सेंटरों से होने लगी आमदनी
देहरादून। प्रदेश में ग्रोथ सेंटरों से स्थानीय लोगों की आमदनी होने लगी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का ड्रीम प्रोजेक्ट ग्रोथ सेंटर ग्रामीण अर्थव्यवस्था का केंद्र बन रहे हैं। किसानों के उत्पादों का मूल्य संवर्धन कर ग्रोथ सेंटरों के जरिये स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है। सरकार ने अब तक 107 ग्रोथ सेंटरों को स्वीकृति दी है। इसमें 75 सेंटरों में आर्थिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं।
पहाड़ों से पलायन रोकने और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पहली बार ग्रोथ सेंटर की योजना शुरू की है। ग्रोथ सेंटरों के माध्यम से सरकार वोकल फॉर लोकल अभियान को बढ़ावा देना चाहती है। स्थानीय किसानों के उत्पादों को मूल्य संवर्धन कर ग्रोथ सेंटरों का पहिया घूमने लगा है।
इससे ग्रोथ सेंटर से जुड़े समूह के सदस्यों को आमदनी होने लगी है। इन सेंटरों के माध्यम से जहां किसानों को उत्पाद का उचित मूल्य मिल रहा है। वहीं स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिल रहा है।
देहरादून के थानो गांव में स्थापित ग्रोथ सेंटर में कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग की जा रही है। इस ग्रोथ सेंटर का व्यवसाय 12.99 लाख है। इसमें सेंटर को 6.80 लाख की शुद्ध आय हुई है। टिहरी जिले की न्याय पंचायत मजगांव में उत्तरदायी आजीविका संघ ने कृषि व्यवसाय का ग्रोथ सेंटर स्थापित किया है। इस संघ में 712 सदस्य है। जनवरी से जून 2020 तक इस ग्रोथ सेंटर में चौलाई से तैयार उत्पाद, धूपबत्ती, हल्दी पाउडर बनाया जा रहा है।
ग्रोथ सेंटर का टर्नओवर 73 हजार से अधिक है। इसमें 10 हजार से अधिक की आमदनी हुई है। इसी तरह बागेश्वर जिले के लोहारखेत न्याय पंचायत के मुन्नार में स्थापित ग्रोथ सेंटर में मंडुवा बिस्कुट, क्रीम रोल, नमकीन बनाई जा रही है। इससे चार हजार की आमदनी हुई है।
अल्मोड़ा जिले की वेतनधार न्याय पंचायत के स्थापित ग्रोथ सेंटर से चावल, गेहूं का आटा, फलों का जूस बनाया जा रहा है। इस सेंटर का टर्नओवर 74 हजार है। इसमें साढ़े सात हजार की आमदनी हुई है।
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