देहरादून
गौरव: दिल्ली में जज बनी उत्तराखंड की बेटी, पीसीएस-जे परीक्षा में हासिल की दूसरी रैंक
ऋषिकेश: उत्तराखंड के युवा आज हर क्षेत्र में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं और अपनी प्रतिभा से उत्तराखंड का नाम रोशन कर रहे हैं। देश ही नहीं विदेश में भी उत्तराखंड के युवा हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। आज एक बार फिर पहाड़ की बेटी ने उत्तराखंड का नाम रोशन किया है।
पहाड़ की बेटियां लगातार हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर अपना नाम सफल लोगों की सूची में दर्ज करा रही हैं। शिक्षा से लेकर खेल तक, हर जगह पहाड़ की बेटियां जीत का परचम लहरा रही हैं। वहीं उत्तराखंड की बेटी कात्यायनी शर्मा कंडवाल ने दिल्ली न्यायिक सेवा- 2019 की परीक्षा में सामान्य वर्ग से वरीयता सूची में दूसरी रैंक प्राप्त कर प्रदेश का नाम रोशन किया है।
कात्यायनी की ये सफलता कई मायनों में खास है।कात्यायनी का विवाह साल 2015 में ऋषिकेश निवासी प्रांशु शशि कंडवाल से ही गया था। आमतौर पर शादी के बाद महिलाएं घर-गृहस्थी के लिए अपने सपनों को पीछे छोड़ देती हैं और कई बार परिवार से सहयोग भी नहीं मिलता। लेकिन शादी के बाद आई नई जिम्मेदारियों ने कात्यायनी को मजबूत ही बनाया।
कात्यायनी शर्मा कंडवाल मूलरूप से पौड़ी जिले के गांव मरड़ा की रहने वाली हैं और वर्तमान में प्रगतिविहार ऋषिकेश में रहती हैं। इनके पिता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में कार्यरत थे और माता देहरादून में शिक्षिका हैं। कात्यायनी की प्रारम्भिक शिक्षा पौड़ी और देहरादून में हुई।
क्लेट क्वालीफाई करने के बाद कात्यायनी ने एनएलआईयू भोपाल से एलएलबी और आईएलआई दिल्ली से एलएलबी की शिक्षा पूरी की। उन्होंने दिल्ली न्यायिक सेवा-2019 की परीक्षा में हिस्सा लिया और शुक्रवार को रिजल्ट आया तो, कात्यायनी समेत पूरे परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। कात्यायनी ने मेरिट लिस्ट में दूसरा स्थान हासिल कर परिवार के साथ-साथ पूरे उत्तराखंड का मान बढ़ाया है।
कात्यायनी ने कहा कि आज उनके दिवंगत पिता का सपना पूरा हुआ है और उनकी इस सफलता में मां के मार्गदर्शन के अलावा ससुराल में पति और सास-ससुर का भी पूरा योगदान है। परिवार ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। अब वो गरीबों को इंसाफ दिलाने के लिए कार्य करेंगी।
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