उत्तराखंड
उत्तराखंड: DM दीपक रावत की मुश्किलें बढ़ीं, हाईकोर्ट ने थमाया अवमानना का नोटिस
UT- अपनी अलग कार्यशैली के लिए सुर्खियां बटोरने वाले हरिद्वार के डीएम दीपक रावत एक बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं। डीएम दीपक रावत पर बिना नोटिस दिए अतिक्रमण हटाने का आरोप लगा है। इस संबंध में एक ट्रस्ट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने डीएम दीपक रावत को अवमानना नोटिस दिया है। हाईकोर्ट ने डीएम से चार हफ्ते में जवाब देने को कहा है। मामला शीशराम मेमोरियल ट्रस्ट से जुड़ा है। ट्रस्ट की तरफ से कोर्ट में दायर याचिका में प्रशासन पर नियमों को ताक पर रख, ट्रस्ट के छात्रावास को तोड़ने का आरोप लगा है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में हुई। सुनवाई के दौरान डीएम दीपक रावत कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने डीएम दीपक रावत के विरुद्ध अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। आपको बता दें कि हरिद्वार में अतिक्रमण के खिलाफ हुई कार्रवाई के बाद एक ट्रस्ट ने प्रशासन के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि प्रशासन ने ट्रस्ट की जिस जमीन से अतिक्रमण हटाया है वो जमीन साल 1950 से ट्रस्ट के पास थी। ट्रस्ट बालिका हित और उनकी शिक्षा के लिए काम कर रहा है। संबंधित जमीन पर सालों से काबिज होने के बावजूद शासन ने नियमों को ताक पर रख उनके छात्रावास को तोड़ दिया। याचिका में कहा गया है कि जिस जमीन से अतिक्रमण हटाने के नाम पर छात्रावास को तोड़ा गया है, उस जमीन की रजिस्ट्री भी ट्रस्ट के पास थी। ऐसे में उन्हें कार्रवाई से पहले 4 हफ्ते का नोटिस दिया जाना था, लेकिन हरिद्वार प्रशासन की तरफ से ट्रस्ट को कोई नोटिस नहीं मिला। नगर निगम की तरफ से भी भूमि खाली करने के लिए केवल एक विज्ञप्ति जारी की गई थी। ट्रस्ट को ना तो व्यक्तिगत तौर पर नोटिस दिया गया और ना ही सुनवाई का मौका…बहरहाल मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने डीएम दीपक रावत के विरुद्ध अवमानना नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है।
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